पटना , अक्टूबर 22 -- बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी के भीतर टिकट बंटवारे को लेकर जबरदस्त असंतोष उभर कर सामने आया है। टिकट वितरण में अनदेखी से नाराज़ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और पूर्व विधायकों ने अब बगावत का रास्ता अख्तियार कर लिया है।

नाराज कांग्रेसी नेताओं ने घोषणा की है कि वे गुरुवार को पटना स्थित कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय, सदाकत आश्रम पर धरना देंगे और उपवास पर बैठेंगे। नाराज़ नेताओं ने पार्टी के प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावारू को हटाने की मांग करते हुये कहा है कि उन्होंने टिकट वितरण में पारदर्शिता नहीं बरती और ज़मीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की है।

कांग्रेस प्रदेश रिसर्च कमेटी के अध्यक्ष आनंद माधव ने बुधवार को आयोजित बैठक के बाद कहा कि, 'हमारा लक्ष्य कांग्रेस को बचाना है। पार्टी के छह वर्तमान विधायकों के टिकट काट दिये गये, जबकि वे ज़मीनी नेता रहे हैं। प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावारू और दिल्ली के वार रूम में बैठे लोगों को तुरंत हटाया जाये। राहुल गांधी को हस्तक्षेप कर स्थिति संभालनी चाहिये।'पिछले विधानसभा चुनाव में मात्र 113 वोटों हारने वाले पूर्व प्रत्याशी गजानन शाहीटिकट बंटवारे पर तीखी नाराज़गी जाहिर करते हुये कहा कि, 'मुझे इस बार टिकट नहीं दिया गया। हमारा विरोध पार्टी से नहीं है, परंतु निर्णय लेने वाले कुछ नेताओं ने संगठन को नुकसान पहुंचाया है। हम राहुल गांधी को नेता मानते हैं और उनसे हस्तक्षेप की अपील करते हैं।' वहीं पूर्व विधायक बंटी चौधरी ने कहा कि, 'कांग्रेस में आज वे लोग हावी हैं जिन्होंने पार्टी का सबसे ज़्यादा नुकसान किया है। हम पार्टी के नहीं, ऐसे नेताओं के विरोध में हैं।'बैठक में कांग्रेस के कई वरिष्ठ और पूर्व जनप्रतिनिधि मौजूद रहे, जिनमें पूर्व विधान पार्षद अजय कुमार सिंह, नागेंद्र प्रसाद विकल, राजकुमार राजन, सुधा मिश्रा, कैसर खान, वसी अख्तर आदि उपस्थित थे। इन सभी ने पार्टी नेतृत्व से टिकट बंटवारे की पुनर्समीक्षा और नेतृत्व में बदलाव की मांग की है।

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