चेन्नई, सितंबर 30 -- कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को करूर का दौरा किया। प्रतिनिधिमंडल ने दुर्घटनास्थल का निरीक्षण किया जहां गत शनिवार रात (27 सितंबर) को अभिनेता से राजनेता बने थलपति विजय की तमिलगा वेट्री कड़गम (टीवीके) राजनीतिक रैली में भगदड़ मचने के बाद 41 लोगों की मौत हो गयी थी।

श्री वेणुगोपाल के नेतृत्व में इस टीम में तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी (टीएनसीसी) के अध्यक्ष के. सेल्वापेरुंतगई और सांसदों में करूर की सांसद जोतिमणि शामिल थीं। उन्होंने पहले घटनास्थल का दौरा किया। स्थल पर अभी भी सैकड़ों जूते, तंबू और निजी सामान बिखरे पड़े थे और पुलिस ने इसे बैरिकेड किया हुआ था। समूह ने पुलिस और वरिष्ठ जिला अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की, जिसमें रैली में देरी, भीड़ का उमड़ना और सुरक्षा चूक जैसे मुद्दों पर जानकारी ली गयी।

इसके बाद, वे अस्पताल गए, जहां उन्होंने घायलों से मुलाकात की, उनकी स्थिति के बारे में पूछताछ की और डॉक्टरों से उपचार प्रक्रिया पर चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल ने मृतकों के परिजनों से भी मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। श्री वेणुगोपाल ने जवाबदेही और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए व्यवस्थागत सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया।

श्री विजय की रैली में हुई भगदड़ ने 41 लोगों की जान चली गयी, जिसमें 18 महिलाएं, 13 पुरुष और 10 बच्चे (पांच लड़कियां और पांच लड़के) शामिल हैं। जिला प्रशासन के अनुसार घायलों में 51 लोगों को करूर सरकारी अस्पताल में और 11 का अन्य निजी अस्पतालों में उपचार किया जा रहा है। यह घटना रात करीब 7:40 बजे करूर-इरोड राजमार्ग पर वेलुसम्यपुरम में हुई, जहां लगभग 27,000 समर्थक जमा थे।

घटनास्थल पर विजय का वाहन करीब छह घंटे देरी से पहुंचा, जिससे भीड़ मंच की ओर बढ़ी। गर्मी और खराब प्रबंधन ने स्थिति को और बिगाड़ दिया, जिससे अफरातफरी मच गई। यह तमिलनाडु के इतिहास में किसी राजनीतिक आयोजन में हुई सबसे बड़े भगदड़ों में से एक है।

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