नयी दिल्ली , नवंबर 21 -- कांग्रेस ने मध्यप्रदेश सरकार पर आदिवासियों के खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उनकी जमीन कॉरपोरेट घरानों को बेची जा रही है और सरकारी नौकरियों में भी उनका प्रतिनिधित्व कम होता जा रहा है।
आदिवासी कांग्रेस के प्रमुख विक्रांत भूरिया ने शुक्रवार को यहां कांग्रेस मुख्यालय इंदिरा भवन में एक संवाददाता सम्मेलन में मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य के सिंगरौली क्षेत्र को छावनी में तब्दील किया गया है। बड़े-बड़े कॉर्पोरेट घरानों के फायदे के लिए वहां लगातार पेड़ों को काटा जा रहा है। आज राज्य सरकार अडानी की गुलाम बन चुकी है और पुलिस को एजेंट बना दिया गया है। श्री भूरिया ने कहा हजारों आदिवासियों को नोटिस भेजे जा रहे हैं और लोगों को जिला बदर किया जा रहा है। ये पेसा कानून और वन अधिकार अधिनियम का खुला उल्लंघन है।
श्री भूरिया ने राज्य सरकार पर आदिवासी विरोधी हाेने का आरोप लगाते हुये यह भी कहा कि सरकार नौकरियों में उनका आरक्षण समाप्त करना चाहती है । मध्य प्रदेश में करीब दो करोड़ आदिवासी हैं, लेकिन सिविल जज परीक्षा 2022 का रिजल्ट दिखाता है कि भारतीय जनता पार्टी और उसकी सरकार को एक भी काबिल आदिवासी नहीं मिला। उन्होंने कहा कि इस परीक्षा में 121 सीटें आदिवासी समुदाय के लिए आरक्षित थीं, लेकिन एक भी आदिवासी श्रेणी के उम्मीदवार का चयन नहीं हुआ है। वर्ष साल 2021 से अभी तक एक भी आदिवासी उम्मीदवार का चयन नहीं हुआ है। नियमानुसार, कई साल तक खाली रहने वाली सीटों को ओपन कैटेगरी में ले लिया जाता है। इससे यह प्रतीत होता है ये लोग आरक्षण को ख़त्म करना चाहते हैं।
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