लखनऊ , दिसंबर 24 -- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीतकालीन सत्र के दौरान अनुपूरक बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि समाज की पहली आवश्यकता सुरक्षा है और कानून का राज स्थापित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
श्री योगी ने कहा कि हर व्यक्ति, व्यापारी और बेटी को सुरक्षित महसूस होना चाहिए और उनकी सरकार ने इस दिशा में ठोस परिणाम दिए हैं, जिसका उत्तर प्रदेश की जनता लगातार समर्थन कर रही है। उन्होंने विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में माफिया और अपराधियों के सामने सत्ता झुकती थी।
मुख्यमंत्री ने पूजा पाल प्रकरण का उल्लेख करते हुए कहा कि उस समय न्याय दिलाने का साहस नहीं था, जबकि उनकी सरकार ने यह तय किया है कि न्याय किसी पक्ष या दल को देखकर नहीं, बल्कि कानून के आधार पर होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि बेटी चाहे किसी भी पक्ष की हो, उसे हर हाल में न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि विजमा यादव को भी उन्होंने भरोसा दिलाया था कि सरकार उन्हें पूरी सुरक्षा देगी।
समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब पौने नौ साल पहले उनकी सरकार सत्ता में थी, तब क्या उन्होंने अपनी ही सरकार को माफिया और अपराध पर लगाम लगाने की सलाह दी थी। उन्होंने एक शेर के माध्यम से विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि , "तू इधर उधर की न बात कर, ये बता कि कारवां कैसे लुटा" । इसका जवाब जनता पहले ही दे चुकी है।
श्री योगी ने कहा कि माफिया के खिलाफ सरकार की नीति स्पष्ट और कठोर रही है, जिसे जमीन पर लागू कर के दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि मजबूत इच्छाशक्ति और बेहतर कानून-व्यवस्था के बिना आर्थिक विकास संभव नहीं है, और उनकी सरकार ने सुरक्षा को विकास की आधारशिला बनाया है।
विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश की सड़कें गड्ढों से भरी थीं और मेट्रो रेल परियोजनाएं मजाक बनकर रह गई थीं। केंद्र सरकार के साथ समन्वय के अभाव में रेल और सड़क परिवहन को जोड़ने का कोई ठोस प्रयास नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि उस समय गठबंधन की मजबूरी में कांग्रेस पर निर्भर रहना पड़ता था।
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