बैतूल , नवम्बर 3 -- मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में एकलव्य आवासीय विद्यालय भैसदेही में छात्र की मृत्यु के मामले में हुई लापरवाही पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजातीय आयोग (एनसीएसटी) ने सख्ती दिखाई है। आयोग ने जनजातीय कार्य विभाग और कलेक्टर बैतूल को नोटिस जारी करते हुए सात दिन में विस्तृत जवाब मांगा है।
यह कार्रवाई मध्यप्रदेश आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामू टेकाम की शिकायत पर की गई है। आयोग के भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय से अनुसंधान अधिकारी अंकित कुमार सेन द्वारा 16 अक्टूबर को जारी नोटिस में विभागों से स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए गए हैं।
शिकायत में कहा गया है कि भैसदेही स्थित एकलव्य विद्यालय में छात्र की मृत्यु प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम है। श्री टेकाम ने दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई, मुआवजा और मृतक छात्र के परिजन को न्याय दिलाने की मांग की है। आयोग ने मामले को अत्यंत गंभीर मानते हुए चेतावनी दी है कि यदि जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया तो आयोग संविधान के अनुच्छेद 338(ए) के तहत सिविल न्यायालय की शक्तियों का प्रयोग करेगा।
इसके अतिरिक्त आयोग ने भैसदेही क्षेत्र के आदिवासी छात्रों की समस्याओं को लेकर भी विभाग से 30 दिन में रिपोर्ट मांगी है।
इसी बीच, शाहपुर एकलव्य विद्यालय में भी अव्यवस्था के आरोप सामने आए हैं। छात्रों ने कलेक्टर बैतूल और केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके को शिकायत में बताया कि विद्यालय में पोषक भोजन की कमी, गंदे शौचालय, टूटी खिड़कियां-दरवाजे, और बिस्तर सामग्री की भारी कमी जैसी समस्याएं हैं। छात्राओं ने सुरक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी शिकायतें भी दर्ज कराई हैं।
आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि विभाग निर्धारित समय में जवाब नहीं देता, तो वह प्रत्यक्ष जांच की कार्रवाई कर सकता है।
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