बेंगलुरु , नवंबर 07 -- दक्षिणी कर्नाटक में बाघों के हमलों के मद्देनजर वन मंत्री ईश्वर बी खांडरे ने शुक्रवार को मानव-वन्यजीव संघर्ष की आशंका वाले वन क्षेत्रों में ट्रैकिंग गतिविधियों को तत्काल स्थगित करने तथा नागरहोल और बांदीपुर टाइगर रिजर्व में सफारी को अगली सूचना तक बंद करने का निर्देश दिया।

यह निर्देश आज मैसूरु जिले के सारागुर तालुक के मोलेयुर रेंज में हेल हेग्गोडिलु गांव के पास बाघ के हमले में 35 वर्षीय सी. नाइक की मौत के बाद जारी किया गया।

घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए श्री खांडरे ने हाल में हुए हमलों को बहुत दर्दनाक एवं चिंताजनक करार दिया।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव वार्डन को भेजे गए एक लिखित आदेश में, मंत्री ने अधिकारियों को बाघों की खोज करने एवं उन्हें पकड़ने के लिए सभी उपलब्ध कर्मियों को तैनात करने का निर्देश दिया।

उन्होंने आगे कहा कि बांदीपुर और नागरहोल सफारी सेवाओं से जुड़े अधिकारियों, चालकों और कर्मचारियों को इन प्रयासों में सहायता के लिए फिर से नियुक्त किया जाना चाहिए।

श्री खांडरे ने निर्देश में कहा, "बांदीपुर और नागरहोल में बाघों के हमलों में एक महीने के अंदर तीन लोगों मौत होना गंभीर चिंता का विषय है। आगे जानमाल की हानि रोकने एवं स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव उपाय किए जाने चाहिए।"इससे पहले, 27 अक्टूबर को बांदीपुर और दो नवंबर को चामराजनगर में बैठकें आयोजित हुई थीं जिनमें ज़िला प्रभारी मंत्री के. वेंकटेश और समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा शामिल हुए थे। अधिकारियों ने सर्वसम्मति से बाघ प्रबंधन और उन्हें पकड़ने के लिए खोज अभियान तेज़ करने और सफारी सेवाओं को रोकने का निर्णय लिया था।

हाल की घटनाओं में बडागलपुरा गांव के महादेव उर्फ मादेगौड़ा नामक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया और उसकी दृष्टि बाधित हो गई, जबकि दो अन्य बन्नेगेरे के राजशेखर और कुरनेगल के डोड्डानिंगैया की अलग-अलग घटनाओं में मौत हो गई।

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