बेंगलुरु , नवंबर 15 -- कर्नाटक में अलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाता धोखाधड़ी की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पहली गिरफ्तारी की है।
एसआईटी ने इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जो दो ऑनलाइन पोर्टल चला रहा था और 2023 में असली मतदाताओं के नाम हटाने के लिए चुनाव आयोग के प्लेटफॉर्म पर फर्जी खाते खोलने के लिए अज्ञात मोबाइल नंबर और ओटीपी उपलब्ध करा रहा था।
बापी आद्या नाम के इस आरोपी को भारत-बंगलादेश सीमा के पास नादिया जिले के एक गांव से गिरफ्तार किया गया। उसे प्रथम अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया और 12 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। जांचकर्ताओं ने उसके पास से कई डिजिटल उपकरण बरामद किए हैं।
एसआईटी ने बताया कि आद्या के पोर्टल लगभग 10 रुपये प्रति मोबाइल नंबर और ओटीपी बेचते थे। इन जानकारियों का इस्तेमाल कलबुर्गी स्थित एक निजी फर्म ने मतदाता हेल्पलाइन ऐप, राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल और गरुड़ ऐप सहित चुनाव आयोग के पोर्टलों पर 72 खाते खोलने के लिए किया था। इन लॉगिन के जरिए 2023 में अलंद में मतदाता नाम हटाने के लिए जमा किए गए 6,018 फॉर्म 7 आवेदनों में से 5,994 जाली पाए गए।
चुनाव आयोग के खाते खोलने के लिए इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबर 18 राज्यों में फैले हुए थे। लेकिन मालिकों ने ओटीपी प्राप्त करने या साझा करने की किसी भी जानकारी से इनकार किया। जांचकर्ताओं ने कलबुर्गी की फर्म के एक प्रमुख संचालक से पूछताछ की, जो दुबई से लौटा था और जिसने नंबर प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किए गए दो ओटीपी-विक्रय पोर्टलों की पहचान की।
एसआईटी ने अब तक कलबुर्गी की फर्म से जुड़े छह लोगों से पूछताछ की है। इसने पूर्व भाजपा विधायक सुभाष गुट्टेदार और उनके बेटों के ठिकानों पर भी छापेमारी की है, जिन्हें अग्रिम जमानत मिल गई है।
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