बेंगलुरु , नवंबर 07 -- आंदोलनकारियों ने कर्नाटक में गन्ना किसानों के आंदोलन के बीच सरकार से विरोध जताते हुए बेलगावी जिले में राज्य के चीनी मंत्री शिवानंद पाटिल का नकली अंतिम संस्कार किया और कांग्रेस सरकार पर उनके हितों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया।

शुक्रवार को आठवें दिन भी जारी यह विरोध प्रदर्शन पूरे उत्तरी कर्नाटक में फैल चुका है, जिससे अथानी, हुक्केरी, संकेश्वर और हरोगेरी कस्बों में सामान्य जनजीवन ठप हो गया है। किसानों ने गन्ने के लिए 3,500 रुपये प्रति टन कीमत की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया तो वे राष्ट्रीय राजमार्गों को जाम कर देंगे।

सैकड़ों किसानों ने मुदलागी तालुका के गुरलापुरा में सिद्दारमैया सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए मंत्री के पुतले जलाए और प्रतीकात्मक अर्थी के साथ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन तब तनावपूर्ण हो गया जब मंत्री के काफिले पर चप्पलें फेंकी गईं जिसके बाद पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।

किसान नेता चुन्नप्पा पुजारी ने राज्य सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा, "अगर हमारी मांग नहीं सुनी गई तो हम बेंगलुरु-पुणे राजमार्ग जाम कर देंगे। हम 5,000 रुपये नहीं, बल्कि 3,500 रुपये प्रति टन की मांग कर रहे हैं। सरकार को करों से प्रति टन 4,500 रुपये से ज़्यादा की कमाई होती है और उसे किसानों को उचित भुगतान सुनिश्चित करना चाहिए।"अथानी में, कई किसानों ने अर्धनग्न होकर विरोध प्रदर्शन किया जो कांग्रेस शासन में सम्मान के खोने का प्रतीक था। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती बेलगावी का आगामी शीतकालीन सत्र शांतिपूर्ण तरीके से नहीं चलने दिया जाएगा।

किसान नेता महादेव मदिवाला ने कहा कि अगर सरकार इसी प्रकार उदासीन बनी रही तो हम सुवर्ण सौधा की घेराबंदी करेंगे।

पंचमसाली समाज के प्रमुख धार्मिक नेता जगद्गुरु बसव जयमृत्युंजय स्वामीजी भी इस आंदोलन में शामिल हुए और उन्होंने सरकार से जिम्मेदारी के साथ काम करने का आग्रह किया।

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