चंडीगढ़ , दिसंबर 24 -- पूर्व केन्द्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा है कि हरियाणा में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मिलने वाला मुआवजा अब तक न मिलना बेहद गंभीर विषय है। किसानों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के कई जिलों में करोड़ों रुपये के बीमा दावे वर्षों से लंबित हैं, जिससे किसान आर्थिक और मानसिक संकट का सामना कर रहे हैं।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि बाढ़ और अतिवृष्टि के कारण किसानों की फसलें पूरी तरह नष्ट हो गयीं थी, लेकिन उस समय न तो पर्याप्त प्रशासनिक-आर्थिक सहायता मिली और न ही समय पर सर्वे कराये गये। अब मुआवजा देने के समय फसल कटाई प्रयोग, तकनीकी आपत्तियों और बीमा कंपनियों की प्रक्रियाओं का हवाला देकर किसानों को उनके हक से वंचित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि भिवानी, सिरसा, नूंह और चरखी दादरी जैसे जिलों में बड़ी संख्या में किसानों के बीमा दावे लंबित हैं। कई किसानों ने सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बावजूद भुगतान न होने और बार-बार कार्यालयों के चक्कर लगाने की शिकायत की है।
सांसद ने कहा कि किसान किसी रियायत की नहीं, बल्कि अपने वैध अधिकार की मांग कर रहे हैं। प्राकृतिक आपदा किसान के नियंत्रण से बाहर होती है, ऐसे में सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि संवेदनशीलता के साथ राहत पहुंचाई जाये। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि लंबित फसल बीमा दावे की तत्काल समीक्षा कर सरल प्रक्रिया के तहत मामलों का निपटारा किया जाये और प्रभावित किसानों को शीघ्र भुगतान सुनिश्चित किया जाये, ताकि वे अगली फसल की तैयारी कर सकें।
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