चेन्नई , अक्टूबर 15 -- मिलनाडु में प्रमुख विपक्षी दल अन्नाद्रमुक ने टीवीके संस्थापक और अभिनेता विजय की राजनीतिक रैली के दौरान करूर भगदड़ में 41 लोगों की मौत को लेकर बुधवार को विधानसभा में हंगामा किया और बाद में सदन से बहिर्गमन किया।
प्रश्नकाल के बाद, विभिन्न दलों के नेताओं ने करूर त्रासदी के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था। जब अध्यक्ष एम. अप्पावु ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सहमति व्यक्त की और कहा कि मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन प्रारंभिक वक्तव्य देंगे, जिसके बाद सदस्यों को बोलने की अनुमति दी जाएगी। अन्नाद्रमुक महासचिव एवं विपक्ष के नेता ईके पलानीस्वामी ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि मुख्य विपक्षी दल के नेता होने के नाते उन्हें पहले इस मुद्दे पर बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए, जिसके बाद मुख्यमंत्री इसका जवाब दे सकते हैं। जब अध्यक्ष ने श्री स्टालिन से आरंभिक टिप्पणी देने को कहा, तो श्री पलानीस्वामी ने इस पर आपत्ति जताई और उन्हें बोलने से रोक दिया।
मुख्यमंत्री ने घटना की जानकारी मिलने के तुरंत बाद अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का विस्तृत ब्यौरा दिया, जिसमें वरिष्ठ मंत्रियों को घटनास्थल पर तैनात करना, पड़ोसी जिलों से डॉक्टरों को बुलाना, क्षतिपूर्ति की घोषणा करना और मृतकों के परिवारों से मिलने के लिए करूर पहुँचना शामिल था।
जब श्री पलानीस्वामी ने करूर की घटना के बारे में बोलना शुरू किया और सरकार पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था न करने का आरोप लगाया, तो परिवहन मंत्री एस. एस. शिवशंकर ने पिछली अन्नाद्रमुक सरकार के दौरान तूतीकोरिन में स्टरलाइट विरोधी प्रदर्शनकारियों पर पुलिस गोलीबारी की घटना पर कुछ टिप्पणी की। इस पर अन्नाद्रमुक सदस्यों ने कड़ा विरोध जताया और वे चाहते थे कि सभापति मंत्री की टिप्पणी को सदन से हटा दें।
श्री स्टालिन ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि मंत्री ने कोई गलत टिप्पणी नहीं की है और इसे हटाने की आवश्यकता नहीं है। अन्नाद्रमुक सदस्य लगातार नारे लगाते रहे और सदन की कार्यवाही बाधित की।
इस बीच विधानसभा में शोरगुल का माहौल रहा और अन्नाद्रमुक सदस्य सदन के वेल में पहुँच गए तथा अपनी माँग पर ज़ोर देने के लिए अध्यक्ष के आसन को घेर लिया। इसके बाद वे उनके आसन के सामने धरने पर बैठ गए और टिप्पणी को हटाने की माँग करते हुए नारे लगाने लगे।
श्री अप्पावु द्वारा अन्नाद्रमुक सदस्यों से अपनी सीटों पर जाने की बार-बार की गई जोरदार अपील अनसुनी कर दी गई। श्री पलानीस्वामी के नेतृत्व में अन्नाद्रमुक सदस्यों ने करूर त्रासदी के लिए सत्तारूढ़ द्रमुक की निंदा करते हुए नारे लगाते हुए राज्य विधानसभा से शोरगुल भरा वाकआउट किया।
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