कराची , अक्टूबर 20 -- पाकिस्तानी अधिकारियों ने देश में अफगान नागरिकों के राष्ट्रव्यापी निर्वासन पर कार्रवाई को बढ़ाते हुए कराची शहर में लंबे समय से बसी अफगान शरणार्थी बस्तियों में 1,200 से अधिक घरों को ध्वस्त कर दिया।
महानगर के गुलशन-ए-मयमार और मंघोपिर इलाकों को निशाना बनाकर पांच दिन तक चलाए गए अभियान की निगरानी कर रहे पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यह तोड़फोड़ सरकारी भूमि पर अतिक्रमण हटाने और देश में अफगानों की वापसी को सुगम बनाने की सरकार की नीति का हिस्सा है। इन इलाकों में दशकों से हजारों अफगान शरणार्थी रह रहे हैं।
पुलिस उपाधीक्षक मंघोपीर ने सोमवार को कहा कि बस्ती के 90% से अधिक निवासी पहले ही अफगानिस्तान वापस जा चुके हैं जबकि पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, आने वाले दिनों में 800 से 1,000 अन्य लोगों के भी वहां से जाने की उम्मीद है।
कई मानवाधिकार समूहों ने इस्लामाबाद की कार्रवाई की निंदा की है तथा ध्वस्तीकरण की तीव्रता और सीमा पर तैनात सीमा रक्षकों द्वारा उत्पीड़न पर चिंता व्यक्त की है जो विस्थापित परिवारों को सीमा पार करने के लिए आवश्यक बुनियादी चीजें भी नहीं प्रदान कर रहे हैं।
कार्यकर्ता समूहों ने चेतावनी दी है कि बेदखली की लापरवाह गति के कारण कई कमजोर परिवार आश्रय, भोजन और बुनियादी आवश्यकताओं से वंचित हो रहे हैं।
अफगान शरणार्थी शिविर 215 एकड़ में फैला हुआ था और इसमें 3,200 से अधिक आवासीय एवं वाणिज्यिक संरचनाएं शामिल थीं और इसे अतिक्रमण विरोधी बल जोन वन, मालिर विकास प्राधिकरण और जिला पुलिस की टीमों द्वारा साफ किया गया।
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