बेमेतरा, 09अक्टूबर ( वार्ता ) छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के विकासखण्ड साजा अंतर्गत ग्राम पंचायत भरदालोधी के ग्राम सोनपुरी निवासी प्रगतिशील किसान पुरषोत्तम सिन्हा ने अपनी मेहनत, लगन और नवीन सोच से यह साबित कर दिया है कि प्राकृतिक खेती ही खेती का भविष्य है। तीन एकड़ भूमि में खेती करने वाले सिन्हा ने रासायनिक खेती से दूरी बनाकर प्राकृतिक एवं जैविक कृषि पद्धति को अपनाया है, जिसके परिणामस्वरूप न केवल उनकी आय में वृद्धि हुई है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता और पर्यावरण संरक्षण में भी उन्होंने सराहनीय योगदान दिया है।

प्राकृतिक खेती एक रसायन-मुक्त पारंपरिक कृषि पद्धति है, जो स्थानीय संसाधनों और पर्यावरणीय संतुलन पर आधारित है। श्री पुरषोत्तम सिन्हा ने इसी दिशा में कार्य करते हुए गोबर, गौमूत्र, नीम, गुड़ और बेसन जैसे स्वदेशी संसाधनों का उपयोग कर कम लागत में अधिक उत्पादन का मॉडल विकसित किया है।

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