भोपाल छिंदवाड़ा , अक्टूबर 06 -- मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में विषाक्त कफ सिरप पीने से कई बच्चों की मृत्यु के मामले में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज छिंदवाड़ा जिले के परासिया पहुंच कर प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और कड़ी कार्रवाई करते हुए तीन अधिकारियों को निलंबित करने के साथ विषाक्त कफ सिरप बेचने वाले मेडिकल स्टोर का लाइसेंस भी निलंबित कर दिया।
डॉ यादव अपने सभी कार्यक्रम निरस्त कर परासिया पहुंचे और मृत बच्चों के परिजन से उनके घर जाकर मुलाकात की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शोक संतप्त परिजन से भेंटकर गहन दु:ख व्यक्त कर उन्हें ढांढस बंधाया और अपनी आत्मीय संवेदनाएं व्यक्त कीं। डॉ. यादव ने परासिया क्षेत्र की नगर परिषद न्यूटन पहुंचकर मासूम को खोने वाले खान परिवार और ग्राम बेलगांव के डेहरिया परिवार से मुलाकात की। मुख्यमंत्री बाद में परासिया मुख्यालय पहुंचे और वहां खान परिवार, ग्राम दीघावानी के यदुवंशी परिवार और उमरेठ के सोनी परिवार से मुलाकात की। वे ग्राम बड़कुही पहुंचकर यहां के ठाकरे परिवार, ग्राम सेठिया के पिपरे परिवार और ग्राम इकलेहरा के उईके परिवार से मुलाकात कर उनके दुःख में शामिल हुए और शोक संतप्त परिजन के आंसू पोछते हुए कहा कि यह सिर्फ आपकी नहीं, मेरी और हम सबकी पीड़ा है। वेदना की इस घड़ी में पूरी सरकार उनके साथ है। उन्होंने कहा कि सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
न्यूटन में खान परिवार की पीड़ित माता आफरीन, जिन्होंने अपना 5 वर्ष का बेटा खोया है, उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि हम अपने बच्चे को तो नहीं बचा पाए, लेकिन अभी जो बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं, यदि वे बच जाएंगे, तो हमारे दिल को बड़ी दिलासा मिलेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दुर्घटना अत्यंत ही दुखद और हृदय विदारक है। मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों को भरोसा दिलाया कि सबको न्याय मिलेगा। घटना के दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति या संस्था इस हादसे के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें कठोरतम दंड दिलाया जाएगा। आज ही दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही की गई है।
उन्होंने कहा कि घटना से पीड़ित परिजन को सभी प्रकार की शासकीय मदद तत्परता से मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने प्रभावित परिवारों को सांत्वना देते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसी दुघर्टनाओं की पुनरावृत्ति कतई नहीं होने पाये।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि घटना की उच्च स्तरीय जांच की जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही भर्ती बच्चों का इलाज ठीक तरीके से हो, इसके लिए प्रशासनिक टीम भी तैनात कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा में हुई घटना में कार्रवाई करते हुए तमिलनाडु की संबंधित फैक्ट्री की दवाइयों पर प्रतिबंध लगाया है। तीन अधिकारियों उप औषधि नियंत्रक एवं नियंत्रण प्राधिकारी औषधि प्रशासन भोपाल शोभित कोष्टा, औषधि निरीक्षक जबलपुर शरद जैन और औषधि निरीक्षक छिंदवाड़ा गौरव शर्मा को निलंबित कर दिया गया है। फूड एंड ड्रग कंट्रोलर को स्थानांतरित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने प्रभावित परिवारों से मिलने के बाद संवाददाताओं को बताया कि संबंधित डॉक्टर पर कार्रवाई के अलावा जिस मेडिकल स्टोर से यह दवा बेची गई थी, उस मेडिकल स्टोर और दवा स्टॉकिस्ट दोनों पर कठोर कार्रवाई की गई है।
उन्होंने बताया कि सरकार ने तमिलनाडु की संबंधित फैक्ट्री की दवाइयों पर प्रतिबंध लगाया है। अन्य दो फैक्ट्री की दवाई को भी बैन करने के निर्देश दिए हैं। पूरे घटनाक्रम से केंद्र सरकार और तमिलनाडु सरकार को अवगत कराया है।
इसके पहले डॉ यादव ने राजधानी भोपाल में एक उच्चस्तरीय बैठक की और उसके बाद सरकार की ओर से अधिकारियों पर कार्रवाई की गई। बैठक में जानकारी दी गई कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया और हिमाचल प्रदेश व तमिलनाडु के ड्रग कंट्रोलर्स को भी इस आशय की सूचना दी गई। तमिलनाडु ड्रग कंट्रोलर से कोल्ड्रिफ सिरप की जांच रिपोर्ट में नमूने अमान्य पाये जाने पर त्वरित कार्यवाही करते हुए सिरप के विक्रय को पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित किया गया। साथ ही अधिकांश मरीजों को कोल्ड्रिफ दवा लिखने तथा अपने परिवार के सदस्य के माध्यम से कोल्ड्रिफ दवा की बिक्री कराने वाले डॉक्टर के निलंबन और दवा निर्माता के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने की कार्यवाही की गई।
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