बैतूल , अक्टूबर 6 -- मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में "कोल्डरिफ" और "नेक्सट्रो-डीएस" कफ सिरप पीने से 14 बच्चों की मौत के बाद अब बैतूल जिले में भी दो मासूमों की मौत के मामले सामने आए हैं। परासिया में इलाज कराने वाले परिवारों का आरोप है कि डॉक्टरों द्वारा दी गई कफ सिरप पीने के बाद बच्चों की हालत बिगड़ गई और उनकी किडनी फेल हो गई।

कलमेश्वरा गांव के किसान कैलाश यादव ने बताया कि उनके चार साल के बेटे कबीर को सर्दी-जुकाम होने पर डॉक्टर प्रवीण सोनी ने "कोल्डरिफ" कफ सिरप सहित तीन दवाएं दी थीं। चार दिन तक दवा देने के बाद बच्चे की हालत बिगड़ने लगी और पेशाब बंद हो गया। इलाज के दौरान कबीर की भोपाल के हमीदिया अस्पताल में मौत हो गई। कैलाश ने बेटे के इलाज में करीब पांच लाख रुपये खर्च किए और तीन एकड़ जमीन गिरवी रख दी। उन्होंने कहा कि डॉक्टर और दवा कंपनी की लापरवाही से उनका बेटा और जमीन दोनों चले गए।

इसी तरह जामुन बिछुवा गांव के निखलेश धुर्वे के ढाई साल के बेटे गर्मित की भी इलाज के दौरान मौत हो गई। परिवार का कहना है कि परासिया में डॉक्टर द्वारा दी गई कफ सिरप पीने के बाद बच्चे की तबीयत अचानक बिगड़ी, पेशाब बंद हो गया और कई अस्पतालों में इलाज के बाद भी उसे नहीं बचाया जा सका।

बैतूल कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने कहा कि दोनों बच्चों का इलाज जिले के अस्पतालों में नहीं हुआ और प्राथमिक जांच में कोल्डरिफ सिरप का विक्रय बैतूल में नहीं पाया गया है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग को मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं और जनजागरूकता अभियान चलाने को कहा गया है।

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