फगवाड़ा, सितंबर 29 -- पंजाब में कपूरथला की 2,990 कैदियों को रखने की क्षमता के वाली कपूरथला जेल में वर्तमान में 4,500 से ज़्यादा कैदी बंद हैं, जिससे अत्यधिक भीड़भाड़ का मामला उजागर होता है जिसने मानवाधिकार अधिवक्ताओं और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बीच चिंता पैदा कर दी है।
पुलिस उपाधीक्षक (जेल) प्रभजोत सिंह ने सोमवार को कहा कि जेल में कैदियों की मृत्यु की संख्या में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है, जो लंबे समय से क्षमता संबंधी समस्याओं से जूझ रही है। पिछले आठ महीनों में 15 कैदियों की मृत्यु की सूचना मिली है। मरने वालों में से दो एचआईवी पॉजिटिव कैदी थे, जिससे इस सुविधा केंद्र में मज़बूत चिकित्सा देखभाल और निगरानी की तत्काल आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया।
बढ़ती स्वास्थ्य चुनौतियों के बावजूद, जेल अधीक्षक श्यामल ज्योति ने बताया कि कैदियों को जेल के डॉक्टरों की टीम द्वारा चिकित्सा सहायता दी जा रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्नत उपचार की आवश्यकता वाले कैदियों को जेल के चिकित्सा कर्मचारियों की सिफारिश पर सिविल अस्पताल भेजा जाता है।
जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों के होने से उनके स्वास्थ्य जोखिमों में योगदान देने वाला एक महत्वपूर्ण कारक माना जाता है, जिसमें संक्रामक रोगों का तेज़ी से प्रसार और समय पर चिकित्सा देखभाल की अपर्याप्त पहुँच शामिल है। कपूरथला सुविधा अपनी निर्धारित क्षमता के लगभग 150 प्रतिशत पर संचालित होने के साथ, चिकित्सा विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि मौजूदा स्थिति मौजूदा स्वास्थ्य सेवा संसाधनों पर दबाव डाल सकती है और कैदियों के समग्र स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकती है।
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