, Oct. 18 -- भोपाल, 18 अक्टूबर (वाता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज कहा कि सोयाबीन के कटने के पहले ही उसके नुकसान का पैसा किसानों के खातों में पहुंच गया।
डॉ यादव यहां स्थित मुख्यमंत्री निवास में आयोजित 'किसान सम्मेलन' को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम किसानों के खाते में सीधे पैसे अंतरित कर रहे हैं। सोयाबीन अब कट के आई है, लेकिन उसके पहले ही नुकसान का पैसा किसानों के खातों में पहुंच गया। राज्य सरकार किसानों की भावना का सम्मान कर रही है।
उन्होंने कहा कि देश में सबसे ज्यादा गेहूं का दाम अगर कहीं मिला है तो मध्यप्रदेश में मिला। किसानों की बात किसान के परिवार का बेटा ही समझ सकता है। किसान के बच्चे कौन सा काम नहीं कर सकते।
डॉ यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी तो पार्टी ही किसान परिवार से है, पूर्व में पार्टी के वरिष्ठ नेता उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान इसका उदाहरण हैं।
उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस के लोग प्रदेश में कभी किसी किसान के बेटे को मुख्यमंत्री बनाएंगे, कभी ऐसा सोच ही नहीं सकते। वर्ष 1956 में मध्यप्रदेश का गठन हुआ, लेकिन कांग्रेस ने आज तक एक भी किसान के बेटे को मुख्यमंत्री नहीं बनाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान धूप, ओला-पाला, सूखा, बाढ सब सहन कर खेत से अन्न उपजा कर सबका पेट भरने का काम करते हैं। किसानों को अब सोलर पंप की लागत का केवल 10 प्रतिशत देना होगा और 90 प्रतिशत अनुदान के साथ किसान को सोलर पंप मिल जाएगा और वह उसी से अपनी बिजली जलाएंगे।
उन्होंने कहा कि हमारा मध्यप्रदेश नदियों का मायका है। 250 से ज्यादा नदियां मध्य प्रदेश से निकलती हैं। 1956 में मध्य प्रदेश बना लेकिन कांग्रेस ने 2002- 03 तक नर्मदा के पानी का पूरा उपयोग ही नहीं करने दिया। नदी जोड़ो अभियान के माध्यम से किसान के खेत तक पानी पहुंचाना हमारी सरकार का संकल्प है। नदी की एक-एक बूंद खेतों तक पहुंचे और हमारे किसानों की फसल लहलहाए इस संकल्प के साथ हमारी सरकार काम कर रही है। अभी जो 52 लाख हेक्टेयर में सिंचाई हो रही है इसको हम भविष्य में 100 लाख हेक्टेयर तक ले जाने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि संतरा, मसाला, लहसुन, अदरक, धनिया इत्यादि में मध्यप्रदेश नंबर एक है। मटर, प्याज, मिर्च और अमरूद उत्पादन में दूसरे नंबर पर है। फूल, औषधि और सुगंधित पौधों के उत्पादन में तीसरे नंबर पर है। खाद्यान्न में दलहन, तिलहन, फल और सब्जियों में भी उत्पादन की दृष्टि से मध्यप्रदेश नंबर एक पर है।
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