रायपुर , अक्टूबर 04 -- छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ननकीराम कंवर को शुक्रवार को रायपुर के टाटीबंध में नजरबंद (हाउस अरेस्ट) में लिए जाने के बाद राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष के बीच तीखी बयानबाजी छिड़ गई है।

वहीं श्री कंवर ने नजरबंदी के तुरंत बाद मीडिया से हुई बातचीत में मुख्यमंत्री और कोरबा के कलेक्टर पर सीधा निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया,"ऐसा मुख्यमंत्री किस काम का? कोरबा कलेक्टर ने बिना मुआवजा दिए हजारों लोगों के घर तोड़ दिए हैं। ऐसे कलेक्टर को हटाने में दिक्कत क्यों होनी चाहिए?" उन्होंने यहां तक कहा,"अब अपनी सरकार को भंग करूंगा।"जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने यूनीवार्ता से बातचीत में दावा किया कि श्री कंवर को 'हाउस अरेस्ट' नहीं किया गया है। उन्होंने बताया,"दरअसल यह हाउस अरेस्ट नहीं है। धरना देने वाले लोग वहीं हैं। पुलिस सुरक्षा के लिहाज से वहां बनी हुई है।"छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने इस पूरे प्रकरण का राजनीतिक लाभ उठाते हुए पूर्व मंत्री के हाउस अरेस्ट और उनके बयानों को आधार बनाकर सरकार पर जमकर निशाना साधा है। दरअसल जब से श्री कंवर ने कलेक्टर की शिकायत को लेकर सार्वजनिक बयान देते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को चिट्ठी लिखी थी तभी से कांग्रेस ने इसे मुद्दा बना लिया है।

श्री कंवर को नजरबंद किए जाने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और भूपेश बघेल ने अपनी- अपनी प्रतिक्रिया दी है।

पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के महासचिव भूपेश बघेल ने एक्स पर लिखा,"जिस वक्त केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बस्तर में व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुँचे हैं। ठीक उसी वक्त वरिष्ठ आदिवासी भाजपा नेता, पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर को रायपुर में हाउस अरेस्ट कर लिया गया है।यह दिखाता है कि भाजपा आदिवासियों की आवाज़ को दबाना चाहती है, चाहे वह फिर भाजपा के अंदर से ही क्यों ना उठी हो।"श्री दीपक बैज ने भाजपा सरकार के बारे में कहा," जब भाजपा अपने वरिष्ठतम नेता की शिकायत सुनने को तैयार नहीं है तो फिर इस सरकार में आम आदमी की क्या सुनवाई होती होगी, अंदाजा लगाया जा सकता है।"इस घटना पर श्री बैज ने कहा,"श्री कंवर प्रदेश के वरिष्ठ नेता हैं। उन्होंने अपने जिले के कलेक्टर की तानाशाही और प्रशासनिक अमले की अराजकता व भ्रष्टाचार पर कार के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। जब इतने बड़े भाजपा नेता की सुनवाई नहीं हो रही, तो कल्पना कीजिए कि इस सरकार में आम आदमी का क्या हो रहा होगा।"उन्होंने कहा,"श्री कंवर को पुलिस से रोकवाने के बजाय मुख्यमंत्री को उन्हें सीएम हाउस ससम्मान बुलवाकर उनकी मांग का निराकरण करना था। भाजपा के ही राज में भाजपा के वरिष्ठ नेता अपमानित हो रहे हैं।"इस घटना ने सत्तारूढ़ दल के भीतर ही असंतोष और प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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