जयपुर, सितंबर 29 -- राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली ने विधानसभा की सदस्यता से बर्खास्त किये गये कंवरलाल मीणा की सदस्यता को बचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों को संवैधानिक प्रावधानों का अनुचित प्रयोग बताया है।

श्री जूली ने सोमवार को अपने बयान में बताया कि अन्ता से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनाव-चिह्न पर निर्वाचित हुए विधायक कंवरलाल मीणा को अधीनस्थ न्यायालय द्वारा तीन वर्ष की सजा दिये जाने और उसके बाद उच्च न्यायालय और उच्चत्तम न्यायालय द्वारा संवैधानिक प्रावधानों के आधार पर अधीनस्थ न्यायालय के फैसले को बरकरार रखते हुए सजा को यथावत् रखने पर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा गत एक मई को विधायक की सदस्यता को समाप्त कर दिया गया था। इसके बाद 21 मई से कंवरलाल जेल में हैं। इसके उपरान्त भी भाजपा की प्रदेश सरकार अपने सत्ता बल के प्रभाव में संविधान के अनुच्छेद-161 के तहत राज्यपाल को प्रदत्त शक्तियों का अनुचित लाभ उठाते हुए अपनी अनुशंसा के साथा कंवरलाल की सजा माफी का प्रार्थना-पत्र राज्यपाल को प्रस्तुत किया है।

उन्होंने कहा कि बडे खेद का विषय है कि इसमें सजा माफ कराने का आधार कंवरलाल द्वारा रक्तदान शिविर लगाने, तिरंगा यात्रा निकालने और अन्य सामाजिक कार्य किये जाने को बनाया गया है। श्री जूली ने बताया कि उन्होंने राज्यपाल को पत्र लिखकर कंवरलाल की सजा माफी के प्रार्थना पत्र को अस्वीकृत किये जाने का निवेदन किया है। इसके साथ ही राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित कर राज्यपाल को प्रस्तुत सजामाफी के प्रार्थना-पत्र को अस्वीकार किये जाने का निवेदन किया है। इसके अलावा प्रकरण की तथ्यात्मक जानकारी सहित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखे हैं।

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