मस्कट , दिसम्बर 18 -- ओमान की दो दिन की यात्रा पर गये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को यहां सुल्तान हैथम बिन तारिक के साथ द्विपक्षीय बैठक की और भारत-ओमान रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा की। दोनों नेताओं ने रॉयल पैलेस में आमने-सामने और प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक की। उन्होंने भारत-ओमान रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा की और द्विपक्षीय संबंधों में लगातार हो रही वृद्धि की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत-ओमान संबंधों के लिए विशेष महत्व रखती है क्योंकि दोनों देश इस वर्ष राजनयिक संबंधों की स्थापना के 70 वर्ष के अवसर को मना रहे हैं। दोनों नेताओं ने व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर का स्वागत किया और कहा कि यह रणनीतिक साझेदारी को जोरदार तरीके से बढ़ावा देगा। प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय व्यापार के 10 अरब डॉलर से अधिक होने और दो-तरफ़ा निवेश प्रवाह में प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए ज़ोर देकर कहा कि यह समझौता द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देगा, रोज़गार पैदा करेगा और दोनों देशों में अवसरों के द्वार खोलेगा।

नेताओं ने दीर्घकालिक ऊर्जा व्यवस्था, नवीकरणीय ऊर्जा उद्यमों , हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया परियोजनाओं के माध्यम से ऊर्जा सहयोग को नई गति देने पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने ओमान के अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होने की सराहना की और उन्हें आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के गठबंधन और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देश कृषि विज्ञान, पशुपालन, जलीय कृषि और बाजरा की खेती सहित कृषि सहयोग से लाभ उठा सकते हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग के महत्व को स्वीकार करते हुए दोनों नेताओं ने कहा कि संकाय और शोधकर्ताओं का आदान-प्रदान पारस्परिक रूप से फायदेमंद होगा। दोनों नेताओं ने खाद्य सुरक्षा, विनिर्माण, डिजिटल प्रौद्योगिकियों, महत्वपूर्ण खनिजों, रसद, मानव-पूंजी विकास और अंतरिक्ष सहयोग के क्षेत्रों में भी सहयोग पर चर्चा की।

वित्तीय सेवाओं पर उन्होंने यूपीआई और ओमान डिजिटल भुगतान प्रणाली के बीच सहयोग, रूपे कार्ड अपनाने और स्थानीय मुद्राओं में व्यापार पर चर्चा की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उर्वरक और कृषि अनुसंधान दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद क्षेत्र थे और उन्हें संयुक्त निवेश सहित इन क्षेत्रों में अधिक सहयोग के लिए काम करना चाहिए। दोनों नेताओं ने समुद्री क्षेत्र सहित रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

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