भुवनेश्वर, अक्टूबर 17 -- ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा ने पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती घोटाले में एक मास्टरमाइंड समेत चार लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। इस घोटाले की चर्चा पूरे राज्य में हुयी थी जिसने सरकारी नौकरी भर्ती प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिये थे।
मुख्य आरोपियों में मुना मोहंती भी शामिल है, जिसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया गया था। आरोपियों को कई तलाशी अभियानों के बाद गिरफ्तार किया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
अपराध शाखा के पुलिस महानिदेशक विनयतोष मिश्रा ने कल बताया कि इस भर्ती घोटाले का मुख्श् साजिशकर्ता शंकर प्रुस्ती है। पुलिस ने जांच तेज कर दी है और जल्द ही घोटाले का पूरी तरह पर्दाफाश कर दिया जाएगा।
संयुक्त पुलिस सेवा परीक्षा, 2024 की लिखित परीक्षा 5 और 6 अक्टूबर को होनी थी, लेकिन बरहामपुर में तीन बिचौलियों सहित 117 उम्मीदवारों की गिरफ्तारी के बाद ओडिशा पुलिस भर्ती बोर्ड (ओपीआरबी) ने इसे स्थगित कर दिया। अपराध शाखा ने बाद में भर्ती घोटाले के सिलसिले में और आरोपियों को हिरासत में लिया।
भर्ती परीक्षा में गंभीर अनियमितताएँ मुख्य रूप से संदिग्ध निजी एजेंसियों को परीक्षा का संचालन आउटसोर्स करने के कारण हुईं।ओपीआरबी ने इस परीक्षा का आयोजन एक केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम, आईटीआई लिमिटेड को सौंपा था, जिसने बाद में परीक्षा संचालन प्रक्रिया का उप-ठेका भुवनेश्वर स्थित सिलिकॉन टेकलैब और पंचसॉफ्ट टेक्नोलॉजीज को दे दिया था। विडंबना यह है कि इसका नेतृत्व घोटाले के मास्टरमाइंडों में से एक शंकर कर रहा था। उम्मीदवारों को कथित तौर पर लीक हुए प्रश्नों की अच्छी तैयारी और प्रशिक्षण के लिए एक बस में आंध्रप्रदेश ले जाया जा रहा था। एक सीमा नाके पर पुलिस ने बस में इतने लोगों को एक साथ देखकर जब उनसे पूछताछ की ताे मामले का खुलासा हुआ।
इस परीक्षा के जरिये 933 पुलिस सब-इंस्पेक्टर पदों पर भर्ती होनी थी और इसके लिये 1.53 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। जिसे अब घोटाले के उजागर होने के बाद स्थगित कर दिया गया है।
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