भुवनेश्वर , अक्टूबर 27 -- ओडिशा सरकार ने सोमवार को चक्रवात मोन्था के मद्देनजर आठ दक्षिणी जिलों में 128 बचाव दल तैनात किए हैं और एहतियात के तौर पर 30 अक्टूबर तक सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद करने की घोषणा की है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, गंजम, गजपति, रायगढ़, कोरापुट, मलकानगिरी, कंधमाल, कालाहांडी और नवरंगपुर जिलों को 'रेड जोन' के रूप में चिन्हित किया गया है। चक्रवात से इन जिलों के सबसे गंभीर रूप से प्रभावित होने की संभावना है।
राज्य सरकार ने 30 अक्टूबर तक सभी आधिकारिक छुट्टियां रद्द कर दी हैं और जिला प्रशासन को निचले और संवेदनशील इलाकों से लोगों को निकालने का निर्देश दिया है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल और दमकल की टीमें सभी आठ जिलों में तैनात और तैयार हैं। गजपति जिले में 1,000 से ज़्यादा लोगों को चक्रवात और बाढ़ आश्रय स्थलों में पहुँचाया गया है, जबकि 91 गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है।
राज्य के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने लोगों से आग्रह किया है कि बिल्कुल घबराएं नहीं और सरकारी सलाह एवं निर्देशों का सख्ती से पालन करें। उन्होंने निवासियों से अपील की है कि जब तक बहुत ज़रूरी न हो भारी बारिश के दौरान बाहर निकलने से बचें। दक्षिणी जिलों से प्राप्त रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि गंजम, गजपति और मलकानगिरी जिलों में बारिश शुरू हो चुकी है।
श्री पुजारी ने कहा कि सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं और सरकार का लक्ष्य चक्रवात के दौरान 'जीरो कैज्यूअल्टी' सुनिश्चित करना है। सरकार ने महानदी के ऊपरी क्षेत्रों और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की आशंका को देखते हुए हीराकुंड बांध से पानी छोड़ना भी शुरू कर दिया है। रेड ज़ोन वाले इन जिलों में 200 से ज्यादा चक्रवात और बाढ़ आश्रय स्थलों को निर्माण किया गया है। अधिकारियों ने भूस्खलन की दृष्टि से 139 संवेदनशील क्षेत्रों की भी पहचान की है, जिनमें से ज्यादातर गंजम और गजपति जिलों में हैं। सभी आठ संवेदनशील जिलों में चौबीसों घंटे सक्रिय रहने वाले नियंत्रण कक्ष और हेल्पलाइन नंबर भी स्थापित किये गये हैं।
उल्लेखनीय है कि दक्षिण अंडमान सागर पर बना निम्न दाब क्षेत्र एक गहरे अवदाब में बदल गया है और सोमवार तक एक चक्रवाती तूफ़ान में बदल सकता है। यह मंगलवार तक और मज़बूत होकर एक गंभीर चक्रवाती तूफ़ान में बदल सकता है। यह पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है और मंगलवार की रात में विशाखापत्तनम के दक्षिण में आंध्र प्रदेश तट पर टकरायेगा। आगे यह मलकानगिरी ज़िले से होते हुए दक्षिण छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ेगा। जमीन पर पहुंचने के बाद चक्रवाती हवाओं की रफ्तार 80-90 किमी प्रति घंटे तक पहुँच सकती है, लेकिन जैसे-जैसे यह दक्षिणी ओडिशा से होते हुए अंदर की ओर बढ़ेगा इसकी रफ्तार घटकर लगभग 45-50 किमी प्रति घंटे रह जाएगी। तटीय क्षेत्रों में मंगलवार को हल्की से मध्यम वर्षा और 25-35 किमी प्रति घंटे की गति से हवाएँ चल सकती हैं।
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