भुवनेश्वर , दिसंबर 1 -- ओडिशा पर चालू वित्त वर्ष 2025-26 में 31 अक्टूबर तक प्रति व्यक्ति ऋण बोझ 26,978 रूपये है, जबकि ओडिशा का कुल ऋण बोझ 1,26,799 करोड़ रूपये आँका गया है।

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने विधान सभा में सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक तंकाधर त्रिपाठी के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि राज्य की वित्तीय स्थिति अच्छी है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य पर कुल ऋण 15वें वित्त आयोग और राजकोषीय उत्तरदायित्व तथा बजट प्रबंधन अधिनियम द्वारा निर्धारित ऋण सीमा के भीतर है।

श्री माझी ने कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में ओडिशा पर प्रति व्यक्ति ऋण का बोझ कम है। 15वें वित्त आयोग और राजकोषीय उत्तरदायित्व तथा बजट प्रबंधन अधिनियम की सिफारिशों के अनुसार, कुल ऋण बोझ को सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 25 प्रतिशत तक सीमित रखना आवश्यक है।

राजकोषीय नियम के अनुसार, कुल ऋण पर ब्याज का भुगतान भी कुल राजस्व प्राप्तियों (आईपी/आरआर) का 15 प्रतिशत तक सीमित होना चाहिए। यह अधिनियम राजकोषीय विवेक को सुनिश्चित करने के लिए निर्मित किया गया है, ताकि लगातार बढ़ते राजस्व घाटे को कम किया जा सके और ऋण का स्थायी और बेहतर प्रबंधन किया जा सके।

राज्य का ऋण और जीएसडीपी अनुपात 12.72 प्रतिशत रहा, जबकि आईपी/आरआर अनुपात 2.87 प्रतिशत रहा। यह निर्धारित सीमा से काफी नीचे रहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र से 2301.43 करोड़ रूपये, खुले बाजार से 7,000 करोड़ रूपये, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) से 824.36 करोड़ रूपये, ओडिशा खनिज क्षेत्र विकास निगम (ओएमबीएडीसी) से 2,170 करोड़ रूपये और ओडिशा राज्य क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (कैम्पा) से 2,430 करोड़ रूपये का ऋण लिया है।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित