भुवनेश्वर , अक्टूबर 18 -- ओडिशा को आदिवासी कल्याण और सहभागी विकास को बढ़ावा देने में अपने अनुकरणीय प्रयासों के लिए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष योजना के अंतर्गत आदि कर्मयोगी अभियान में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया है।

आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत मयूरभंज ज़िले को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला ज़िला घोषित किया गया, जबकि धरती आबा जन भागीदारी अभियान के अंतर्गत क्योंझर ज़िले को यही सम्मान प्राप्त हुआ।

केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ये पुरस्कार प्रदान किए।

ओडिशा सरकार के अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति विकास, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के आयुक्त-सह-सचिव बी. परमेश्वरन ने राज्य सरकार की ओर से यह पुरस्कार ग्रहण किया।

इसके अतिरिक्त कोरापुट के अतिरिक्त जिला कल्याण अधिकारी राकेश रंजन बिस्वाल को सर्वश्रेष्ठ राज्य मास्टर ट्रेनर और कालाहांडी जिले के संजीव माझी को सर्वश्रेष्ठ आदि साथी के रूप में सम्मानित किया गया।

समावेशी शासन के दृष्टिकोण के अनुरूप ओडिशा ने आदिवासी क्षेत्रों में सहभागी विकास और सतत विकास मॉडल को बढ़ावा देने में उल्लेखनीय प्रगति की है।

आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में शुरू किए गए धरती आबा जन भागीदारी अभियान का उद्देश्य शासन में आदिवासी समुदायों की भागीदारी बढ़ाना और आदिवासी संस्थाओं को मजबूत करना है।

आदि कर्मयोगी अभियान के तहत ओडिशा भर में विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया, जिसमें 5,500 से अधिक गांवों के लिए विकास योजनाओं को मंजूरी दी गई।

यह राष्ट्रीय सम्मान शिक्षा, आजीविका संवर्धन, महिला सशक्तिकरण और डिजिटल समावेशन पर केंद्रित पहलों के माध्यम से आदिवासी क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए ओडिशा की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

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