भुवनेश्वर , नवंबर 29 -- ओडिशा में शराब-विरोधी समूहों की खिलाफत के बावजूद आबकारी राजस्व पिछले पांच सालों में दो गुना ज़्यादा बढ़ गया है।
राज्य के आबकारी मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 2020-21 में जहां आबकारी राजस्व 5,400 करोड़ रुपये था, वहीं 2024-25 में बढ़कर यह 11,429 करोड़ रुपये हो गया। उन्होंने कहा कि सरकार ने 2025-26 वित्त वर्ष में 9,753 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य रखा है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में एक के बाद एक आने वाली सरकारें भारी विरोध के बावजूद शराब से ज़्यादा राजस्व कमाने की अपनी नीति पर अडिग रही हैं। आबकारी राजस्व मुख्य रूप से दुकानों, भठ्ठी और मद्यशालाओं में मिलने वाली 'भारत में बनी विदेशी शराब' (आईएमएफ़एल) से मिलता है।
आबकारी विभाग ने पारदर्शिता लाने के लिए भारत में बनी विदेशी शराब (आईएमएफ़एल) और देसी शराब की दुकानों की ई-नीलामी शुरू की है। आबकारी अधिकारियों ने कहा है कि इससे राजस्व में बढ़ोतरी हुई है।
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