भुवनेश्वर , अक्टूबर 10 -- ओडिशा उच्च न्यायालय ने एक आरटीआई अपील को खारिज करने के लिए राज्य सूचना आयोग को फटकार लगाते हुए याचिकाकर्ता को पचास हजार रुपए जुर्माना देने का आदेश दिया है।

न्यायालय ने आयोग को फटकार लगाते हुए कहा कि उसने याचिका को विवेकहीन आधार पर खारिज किया और आयोग लालफीताशाही में फंसा रहा। यह सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के प्रावधानों को अप्रभावी करने का एक अवैध साधन है।

याचिकाकर्ता हेमंत नायक ने अपनी पहली याचिका में भद्रक जिले के जन सूचना अधिकारियों से एक अतिक्रमित सामुदायिक तालाब के बारे में जानकारी मांगी थी, लेकिन उसे यह जवाब दिया गया कि मांगी गई सूचना उपलब्ध नहीं है।

याचिकाकर्ता ने अपनी दूसरी अपील दायर की, जहां से ओडिशा सूचना आयोग के भुवनेश्वर के विधि अधिकारी को सूचित किया गया कि याचिकाकर्ता के सारे प्रश्नों का बिंदुवार जवाब दे दिया गया है। लेेकिन वास्तव में उसे कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करायी गयी थी। इसके बाद याचिकाकर्ता को मजबूर होकर उच्च न्यायालय का रुख करना पड़ा।

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