केंद्रपाड़ा , दिसंबर 22 -- ओडिशा में कैंसर से जूझ रही एक महिला की मुश्किलें तब और बढ़ गयी जब भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने उससे मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) के तहत उसके खाते में क्लर्क की गलती से जमा हुई ज़्यादा राशि वापस करने को कहा, जबकि वह उस रकम को पहले ही खर्च कर चुकी है।
केंद्रपाड़ा जिले के गरदपुर ब्लॉक के बेरहामपुर गांव की 57 वर्षीय मरीज कल्पना पांडा मानसिक तनाव से गुजर रही हैं। अब बैंक ने उनका खाता फ्रीज कर दिया है और 45,000 रुपये वापस न करने पर कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है।
सुश्री कल्पना ने अपने कैंसर के इलाज के लिये केंद्रपाड़ा जिला प्रशासन के माध्यम से वित्तीय सहायता के लिये आवेदन किया था। जिला कलेक्टर ने मुख्यमंत्री राहत कोष से 5,000 रुपये मंजूर किये, हालांकि बैंक के क्लर्क की गलती के कारण, केंद्रपाड़ा की एसबीआई बाज़ार शाखा ने लगभग तीन महीने पहले उसके खाते में 50,000 रुपये जमा कर दिये। सुश्री कल्पना ने यह राशि निकाल ली गयी और कीमोथेरेपी के लिये इस्तेमाल कर ली।
एसबीआई ने कल्पना को पिछले हफ्ते बताया कि अतिरिक्त राशि गलती से जमा हो गयी थी और 45,000 रुपये वापस करने की मांग की। बैंक ने चेतावनी दी कि अगर वह ऐसा नहीं करती हैं तो उनके सरकारी कल्याण संबंधी लाभ वापस ले लिये जाएंगे। बैंक ने यह चेतावनी देते हुए उनके परिवार के बैंक खाते फ्रीज कर दिये।
बैंक की ओर से वापस मांगी राशि चुकाने का कोई साधन न होने के कारण सुश्री कल्पना ने जिला कलेक्टर, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग की है। उनके पुत्र रमाकांत पांडा ने कहा कि 23 सितंबर को वह और उनकी मां इलाज के लिये वित्तीय मदद मांगने के लिये जिला कलेक्टर के कार्यालय गये थे। इसके बाद उनके खाते में 26 सितंबर को 50,000 रुपये जमा हुए, जो पूरी तरह से मेडिकल खर्चों पर खर्च हो गये।
एसबीआई बाज़ार शाखा प्रबंधक मुकेश कुमार सामल ने पुष्टि की कि बैंक को 24 सितंबर को केंद्रपाड़ा जिला मजिस्ट्रेट के आपातकालीन कोष से कल्पना पांडा के खाते में 5,000 रुपये जमा करने के निर्देश मिले थे। एक क्लर्क की गलती के कारण बैंक ने 50,000 रुपये जमा कर दिये। उन्होंने कहा कि बैंक ने जिला आपातकालीन विभाग से सूचना मिलने के बाद अतिरिक्त राशि वसूलने के लिये खाताधारक से संपर्क किया। कोई संतोषजनक जवाब न मिलने परएक औपचारिक नोटिस जारी किया गया और खाता फ्रीज कर दिया गया।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित