चंडीगढ़, सितंबर 25 -- पंजाब के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री लाल चंद कटारूचक ने गुरूवार को कहा कि राज्य सरकार खरीद प्रक्रिया से जुड़े प्रत्येक हितधारक के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। चावल मिल मालिक भी खरीद प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इस पहलू को ध्यान में रखते हुए पंजाब मंत्रिमंडल ने बुधवार को चावल मिल मालिकों के लिए एकमुश्त निपटान (ओटीएस) योजना 2025 को मंजूरी दे दी।

श्री कटारूचक ने गुरूवार को जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2024-25 तक कुल 1688 मिलर्स पर राज्य सरकार का बारह हजार करोड़ रुपये बकाया है, जिसमें दस हजार करोड़ रुपये का ब्याज और 2,181 करोड़ रुपये की मूल राशि शामिल है। नई ओटीएस नीति के तहत, मिलर्स को मूल राशि का आधा भुगतान करना होगा। उन्होने कहा कि डिफॉल्टर मिलर अधिसूचना के एक माह के भीतर अपना मामला अनाज खरीद पोर्टल पर दर्ज करा सकते हैं। वे या तो तुरंत वसूली राशि का भुगतान कर सकते हैं या फिर एक माह में एकमुश्त या तीन मासिक किश्तों में वसूली राशि का भुगतान करने का विकल्प चुन सकते हैं।

मंत्री ने बताया कि प्रत्येक मिल मालिक को मिलिंग अवधि समाप्त होने के बाद प्रत्येक राज्य खरीद एजेंसी के साथ अपने खाते का निपटान करना अनिवार्य है ताकि अगले वर्ष कस्टम मिलिंग हेतु धान के आवंटन हेतु ऐसे मिल मालिक पर विचार किया जा सके। कुछ चावल मिलों ने वर्षों से अपना बकाया जमा नहीं किया है, जिसके कारण इन मिल मालिकों को डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया है और उनके विरुद्ध कानूनी/मध्यस्थता कार्यवाही शुरू की गई है। ऐसी कार्यवाही पिछले कई वर्षों से विभिन्न न्यायालयों/कानूनी मंचों में लंबित है।

नई ओटीएस योजना सभी एजेंसियों के मुकदमेबाजी मामलों को कम करने, नीति के तहत मामलों का निपटारा करने, ताकि बीमार चावल इकाइयाँ फिर से चालू हो सकें और औद्योगिक इकाइयों को पुनर्जीवित करके राज्य में रोज़गार के अधिक अवसर पैदा किए जा सकें, के लिए शुरू की गई है।

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