नयी दिल्ली , दिसंबर 28 -- पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सैन्य कार्रवाई से पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व में मची खलबली को स्वीकार करते हुए कहा है कि इस दौरान उन्हें बंकर में शरण लेने की सलाह दी गयी थी।

श्री ज़रदारी ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा कि उनके सैन्य सचिव ने उन्हें सूचित किया कि युद्ध शुरू हो चुका है और सुरक्षा कारणों से उन्हें बंकर में जाना चाहिए। श्री ज़रदारी ने कहा कि उन्होंने चार दिन पहले ही आशंका जता दी थी कि युद्ध हो सकता है।

उन्होंने कहा, "मेरे सैन्य सचिव मेरे पास आए और बोले कि जंग शुरू हो गई है। मैंने उन्हें चार दिन पहले ही बता दिया था कि युद्ध होने वाला है। जब उन्होंने मुझे बंकर में चलने को कहा तो मैंने जवाब दिया कि अगर शहादत लिखी है तो यहीं आएगी। नेता बंकरों में नहीं मरते, वे युद्ध के मैदान में मरते हैं।"उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या के बाद भारत ने आतंक के ठिकानों पर लक्षित हमले करते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया। इस अत्यंत गोपनीय अभियान के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्ज़े वाले जम्मू-कश्मीर में स्थित आतंकवादी संगठनों के ठिकानों पर सटीक हमले किए।

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