संयुक्त राष्ट्र/नयी दिल्ली, सितंबर 26 -- भारत की सदस्यता वाले जी-4 देशों ने कहा है कि वैश्विक निकायों में सुधारों को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी और अस्थायी दोनों श्रेणियों में सदस्यता को बढ़ाने जरूरत है।

उल्लेखनीय है कि जी-4 भारत, जापान, जर्मनी और ब्राजील का एक समूह है, जो संयुक्त राज्य सुरक्षा परिषद में सुधार की लगातार मांग करता रहा है।

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासभा के 80वें सत्र से इतर गुरुवार को जी-4 देशों के विदेश मंत्रियों ने बैठक की और इस बात पर जोर दिया कि लगातार बदलती अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के बीच संयुक्त राष्ट्र अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में असफल रहा है। ऐसी स्थिति में सुरक्षा परिषद में सुधार आवश्यक हो गया है, ताकि वर्तमान भू-राजनैतिक वास्तविकताओं स्वर दिया जा सके और प्रतिनिधित्व के साथ-साथ प्रभाव भी बढ़ाया जा सके।

जी-4 के मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी और अस्थायी दोनों सदस्यता श्रेणियों में विकासशील देशों तथा अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले देशों की भूमिका और भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने दोनों सदस्यता श्रेणियों में अफ्रीका, एशिया-प्रशांत, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन जैसे कम प्रतिनिधित्व वाले और गैर-प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्रों और समूहों का प्रतिनिधित्व को बढ़ाने पर भी बल दिया।

जी-4 मंत्रियों ने इस अवसर पर कहा कि प्रतिबद्धता सुधारों को बढ़ावा देने के लिए आपस में तथा अन्य समूहों के साथ संबंधों को और मजबूत किया जाएगा, ताकि व्यवस्थित तरीके से सुधारों की वकालत की जा सके।

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