नयी दिल्ली , अक्टूबर 27 -- राष्ट्रीय राजधानी में हाल ही में हुए एसिड अटैक मामले की जांच में एक नया मोड़ आया है जिसमें कॉल डिटेल रिकॉर्ड और कुछ अन्य साक्ष्य से यह तथ्य सामने आया हे कि मुख्य आरोपी जितेंद्र घटना के समय मौके पर आसपास नहीं था और यह पीड़िता के बयान से बिल्कुल उलट है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक पेंटर का काम करने वाला जितेंद्र घटना की सुबह से ही करोल बाग में मौजूद था। कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) विश्लेषण, सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयानों से इसकी पुष्टि होती है। हमले में कथित तौर पर इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल भी उस समय करोल बाग में मिली थी।

इससे पहले पीड़िता ने आरोप लगाया था कि रविवार सुबह जितेंद्र और दो अन्य ईशान और अरमान ने उत्तर-पश्चिम दिल्ली में रानी लक्ष्मीबाई कॉलेज के पास उस पर एसिड जैसे पदार्थ से हमला किया। पीड़िता ने बताया था कि वह एक अतिरिक्त कक्षा के लिए लक्ष्मीबाई कॉलेज जा रही थी, तभी मोटरसाइकिल सवार तीनों आरोपियों से उसका सामना हुआ। उसने आरोप लगाया कि अरमान ने तरल पदार्थ फेंका, जिससे उसके हाथ जल गए क्योंकि उसने अपना चेहरा छिपाने की कोशिश की थी।

पुलिस को हालांकि पीड़िता के बयान में काफ़ी विसंगतियां मिली हैं। पीड़िता की गतिविधियों के तकनीकी विश्लेषण ने और भी सवाल खड़े कर दिए हैं। सीसीटीवी फुटेज में वह अपने भाई द्वारा चलाए जा रहे स्कूटर पर मुकुंदपुर स्थित अपने घर से निकलती हुई दिखाई दे रही है, जिसने उसे अशोक विहार इलाके में छोड़ दिया। बाद में उसे एक ई-रिक्शा में आगे जाते हुए देखा गया। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि उसके भाई ने उसे सीधे कॉलेज के गेट पर क्यों नहीं छोड़ा। यह भी पता चला है कि भाई का तब से कोई पता नहीं चल रहा है और वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है।

उन्होंने बताया कि अन्य सह-आरोपी, अरमान और ईशान, इस समय अपनी मां शबनम के साथ आगरा में हैं और जल्द ही उनके जांच में शामिल होने की उम्मीद है।

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