चंडीगढ़ , नवंबर 07 -- शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी शुक्रवार को पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में विद्यार्थियों द्वारा किये जा रहे 'पंजाब विश्वविद्यालय बचाओ' आंदोलन में शामिल हुए और आंदोलन द्वारा 10 नवंबर को किये जा रहे समागम को पूर्ण समर्थन देने का एलान किया। एडवोकेट धामी ने कहा कि पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ हमारी विरासत है, जिसने पंजाबी संस्कृति और भाषा के विकास में अहम भूमिका निभायी है।
उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय की विशेषता यह रही है कि इसकी सीनेट और सिंडिकेट लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों से चुने जाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार गुप्त रूप से इसकी परंपराओं को खत्म करके इसे पूरी तरह से अपने अधीन करना चाहती है, जो पंजाब के साथ अन्याय है। शिरोमणि कमेटी इस मामले में पंजाब के अधिकारों और हितों का प्रतिनिधित्व करती रहेगी और संघर्ष में हर स्तर पर सहयोग भी करेगी। उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी 10 नवंबर के समागम में पूरी तरह से भाग लेगी, वहीं जरूरी प्रबंध भी किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह पंजाब के अधिकारों का मामला है, जिसके लिए हर पंजाबी और संगठन की जिम्मेदारी है कि वह इस संघर्ष में शामिल हो।
एसजीपीसी अध्यक्ष ने कहा कि एसजीपीसी ने भी हाल ही में अपने आम अधिवेशन में सरकार के इस अन्याय के विरुद्ध प्रस्ताव पारित किया था और ऐसी कार्रवाइयों पर तुरंत रोक लगाने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि छात्र संगठन इस अन्याय के विरुद्ध संघर्ष कर रहे हैं, जिसका वे पूर्ण समर्थन करते हैं और करते रहेंगे।
एडवोकेट धामी ने पंजाब के लोगों और राजनीतिक दलों से अपील की कि वे पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ की विरासत को बचाने के लिए आगे आयें और छात्रों द्वारा चलाये जा रहे संघर्ष का हिस्सा बनें।
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