लखनऊ , दिसम्बर 22 -- संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) के विशेषज्ञों ने एक 51 वर्षीय महिला को कंधे व बांह के तेज़ दर्द से निजात दिलाने में सफलता पाई है। इलाज के पश्चात न केवल उनका दर्द काफी कम हुआ, बल्कि कंधे की हरकत (मूवमेंट) में भी सुधार देखने को मिला है।

देवरिया की 51 वर्षीय श्रीमती सुमन पांडे, जो कई महीनों से कंधे और बांह के तेज़ दर्द से पीड़ित थीं। स्थानीय स्तर पर काफी इलाज के बाद जब मरीज को दर्द में राहत नही मिली तो परिजनों ने एसजीपीजीआई में दिखने का निर्णय लिया।

एसजीपीजीआई में चिकित्सकीय जांच में महिला के साथ फ़्रोज़न शोल्डर (एडहेसिव कैप्सूलाइटिस) की समस्या पाई गई, जिसमें कंधे और हाथ में तेज़ दर्द के साथ हाथ उठाने में कठिनाई होती है। सामान्य उपचारों से पर्याप्त लाभ न मिलने पर उन्हें दर्द प्रबंधन के लिए एसजीपीजीआई में भर्ती किया गया।

भर्ती होने के बाद प्रो. सुजीत गौतम और उनकी टीम ने मरीज को पीआरपी (प्लेटलेट-रिच प्लाज़्मा) थेरेपी प्रदान की। यह आधुनिक उपचार सूजन कम करने और क्षतिग्रस्त ऊतकों की मरम्मत में सहायक माना जाता है। पीआरपी के साथ-साथ कंधे के विशेष व्यायाम भी कराए गए, जिससे उपचार की प्रभावशीलता और बढ़ी। इलाज के बाद मरीज के दर्द में कमी आई, कंधे की गतिशीलता सुधरी और उनकी दैनिक गतिविधियाँ पहले की तुलना में कहीं अधिक सहज हो गईं।

विशेषज्ञों के अनुसार फ़्रोज़न शोल्डर की समस्या अक्सर डायबिटीज़ से ग्रसित व्यक्तियों में देखी जाती है, हालांकि यह चोट या अन्य दर्द संबंधी स्थितियों के बाद भी हो सकती है। एसजीपीजीआई के पेन क्लिनिक ने पिछले एक वर्ष में 50 से अधिक फ़्रोज़न शोल्डर मरीजों को पीआरपी थेरेपी के माध्यम से लाभ पहुँचाया है।

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