भोपाल, 23 दिसंबर 2025 (वार्ता) मध्यप्रदेश कांग्रेस ने विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं, फर्जी मतदाताओं के नाम जुड़ने-कटने और अत्यधिक कार्यदबाव के चलते कर्मचारियों की मौतों पर गहरी चिंता व्यक्त की है। यह बातें मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित संयुक्त पत्रकार वार्ता में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और सीडब्ल्यूसी सदस्य कमलेश्वर पटेल ने कहीं।
पत्रकार वार्ता में मीडिया विभाग अध्यक्ष मुकेश नायक, चुनाव आयोग कार्य प्रभारी जे.पी. धनोपिया, पूर्व संगठन महासचिव राजीव सिंह, मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रभारी ललित सेन सहित प्रदेश प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता, आनंद जाट, मिथुन अहिरवार एवं जितेंद्र मिश्रा उपस्थित रहे।
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि 23 दिसंबर 2025 को एसआईआर के प्रथम चरण के बाद जारी ड्राफ्ट मतदाता सूची में गंभीर आपत्तियां सामने आई हैं। सत्यापन के नाम पर 5 करोड़ 31 लाख मतदाताओं में बड़ी संख्या को गलत तरीके से नॉट मैपिंग में शामिल किया गया, जबकि उनकी अलग सूची न तो बूथों पर चस्पा की गई और न ही वेबसाइट पर अपलोड की गई।
उन्होंने बताया कि एएसडीआर सूची की प्रिंट प्रति न तो बीएलओ को दी गई और न ही राजनीतिक दलों को, जिससे डिलीट किए गए मतदाताओं की पहचान संभव नहीं हो पा रही है। एसआईआर के दौरान बूथों में बदलाव किए गए, जिन नए बूथों पर न तो बीएलए नियुक्त हैं और न ही उन्हें सूचना दी गई। इससे दावा-आपत्ति प्रक्रिया की पारदर्शिता प्रभावित हुई है। कई स्थानों पर बीएलओ द्वारा बीएलए को मतदाता सूची भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।
श्री वर्मा ने मतदान केंद्रों के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए बताया कि वर्तमान में कुल 71,930 मतदान केंद्र हैं, जिनमें पूर्व अनुमोदित 65,014 केंद्र, 1200 से अधिक मतदाताओं पर 6,704 नए केंद्र, 2 किलोमीटर से अधिक दूरी पर 230 नए केंद्र तथा 18 विलोपित केंद्र शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा दर्ज आपत्तियों का अब तक निराकरण नहीं हुआ है। यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो कांग्रेस मताधिकार की रक्षा के लिए संवैधानिक और न्यायिक मार्ग अपनाएगी।
सीडब्ल्यूसी सदस्य कमलेश्वर पटेल ने एसआईआर के दौरान अत्यधिक कार्यदबाव के कारण कर्मचारियों की हुई मौतों पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने इसके लिए सरकार और निर्वाचन आयोग को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि कम समय में अत्यधिक कार्य का दबाव डालने से कई कर्मचारियों की हार्ट अटैक से मृत्यु हुई, लेकिन न सरकार और न ही निर्वाचन आयोग ने अब तक संवेदना व्यक्त की है, जो गंभीर असंवेदनशीलता दर्शाता है।
श्री पटेल ने कहा कि एसआईआर में प्रदेशभर में 42.74 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम काटे गए और 8.42 लाख मतदाताओं को पता नहीं बताकर सूची से बाहर किया गया। 2023 के चुनाव में 30 से 35 लाख वोटों का अंतर था और केवल उनकी विधानसभा में ही 16 हजार नाम काटे गए, जिससे चुनाव प्रभावित हुआ। उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी द्वारा उठाए गए सवाल आज सही साबित हो रहे हैं। रीवा, ग्वालियर, शिवपुरी और भिंड सहित कई जिलों में बड़े पैमाने पर फर्जी और कटे हुए मतदाता पाए गए हैं, जो लोकतंत्र पर हमला है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता जे.पी. धनोपिया ने कहा कि ड्राफ्ट पब्लिकेशन के समय यह स्पष्ट किया गया था कि मतदाता सूची की प्रतियां बीएलओ को उपलब्ध कराई जाएंगी, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि दावा-आपत्ति के निराकरण के लिए निर्वाचन आयोग ने एक माह का समय दिया है, पर यह प्रक्रिया तभी निष्पक्ष होगी जब निराकरण के दौरान कांग्रेस के बीएलए को भी साथ बैठाया जाए। उन्होंने निर्वाचन आयोग से पारदर्शिता सुनिश्चित करने और पूरी प्रक्रिया को निष्पक्ष ढंग से संचालित करने की मांग की।
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