जोधपुर , दिसंबर 03 -- केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बुधवार को कांग्रेस और इंडी गठबंधन पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि उन्हें मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्यक्रम के विरोध पर जनसमर्थन नहीं मिल रहा, इसलिए वे संसद में हंगामा कर रहे हैं।
श्री शेखावत यहां हवाईअड्डे पर मीडिया से बातचीत में कहा कि इंडी गठबंधन जिस तरह से महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली और हाल में बिहार के चुनावों में क्षत-विक्षत हुआ है और सत्ता से दूर रहा है, उसके बाद अब उनके पास न मुद्दा बचा है, न जनसमर्थन। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने देशभर में एसआईआर के नाम पर आंदोलन खड़ा करने की बात कही लेकिन धरातल पर उन्हें कोई खास जनसमर्थन नहीं मिला। बिहार में जनता ने साफ संदेश दे दिया कि संवैधानिक संस्थाओं का अपमान देश बर्दाश्त नहीं करेगा। यह एक करारा तमाचा था।
उन्होंने कहा कि जब जनता ने जमीन पर साथ देना बंद कर दिया तो विपक्ष के पास केवल संसद के अंदर हंगामा कर अपने को प्रासंगिक दिखाने का रास्ता बचा है। राजनीतिक रूप से इतना प्रयास करने का अधिकार उनका है, वे अपने अधिकार के साथ काम कर रहे हैं।
रोहिंग्या घुसपैठ के सवाल पर श्री शेखावत ने कहा कि एसआईआर की प्रक्रिया चल रही है और देश की सुरक्षा से जुड़े इस मुद्दे का बड़ा हिस्सा इसी से सुलझ जाएगा। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है, आधा समाधान तो एसआईआर से ही हो जाएगा। जो लोग एसआईआर का विरोध कर रहे हैं, असली सवाल उनसे करना चाहिए कि वो इसका विरोध क्यों कर रहे हैं।
राजभवन को 'लोक भवन' बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ किया गया तो वही लोग बोल रहे थे। अब अगर राजभवन को लोक भवन बनाया जाए तो उन्हें दिक्कत है। यह कॉलोनियल माइंडसेट का हिस्सा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा कहते हैं कि गुलामी की मानसिकता से जुड़े प्रतीकों को हटाना और गर्व के साथ भारत की विरासत का संरक्षण करते हुए आगे बढ़ना जरूरी है। हम गुलामी की दासता वाले प्रतीकों को खत्म कर, आत्मसम्मान के साथ विकसित भारत की ओर बढ़ रहे हैं। राजभवन को लोक भवन बनाने की सोच भी उसी दिशा की यात्रा का हिस्सा है।
नयी पीढ़ी को संदेश देते हुए श्री शेखावत ने कहा कि आज की जनरेशन सबसे सौभाग्यशाली पीढ़ी है, जो न केवल बदलाव की गवाह है, बल्कि बदलाव की निर्माता भी है। भारत बदल रहा है और तेज गति से बदल रहा है। यह पीढ़ी इस बदलाव की केवल दृष्टा नहीं, बल्कि इसकी श्रष्टा भी है। आने वाले समय में यही युवा गर्व से कह सकेंगे कि इस भारत को विकसित हमने बनाया और विकसित भारत में हम जी रहे हैं। उन्होंने युवाओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देश जिस दिशा में आगे बढ़ रहा है, उसमें युवा ऊर्जा निर्णायक भूमिका निभाएगी।
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