पटना , नवंबर 22 -- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक प्रेम रंजन पटेलने शनिवार को कहा कि बिहार में महागठबंधन की राजनीतिक दुर्गति का सबसे बड़ा कारण मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का अव्यवहारिक विरोध था।

श्री पटेल ने बयान जारी कर कहा कि जनता विकास चाहती है, लेकिन महागठबंधन हर कदम पर नकारात्मक राजनीति करता रहा है। इसका परिणाम साफ है कि बिहार की जनता ने उन्हें पूरी तरह से नकार दिया।उन्होंने कहा कि बिहार की तरह बंगाल में भी वही तस्वीर दोहराई जा रही है।ममता सरकार ने भी एसआईआर का विरोध करके यह साबित कर दिया है कि वह विकास, निवेश, रोजगार और उद्योग के खिलाफ खड़ी है। जनता अब समझ चुकी है कि ममता सरकार का यह रुख सिर्फ वोट बैंक बचाने की राजनीति है, न कि बंगाल के भविष्य की चिंता।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि एसआईआर का विरोध ही बंगाल में ममता सरकार के पतन का सबसे बड़ा कारण बनेगा। उन्होंने कहा कि जब देश आगे बढ़ रहा है, तो बंगाल को पीछे धकेलने वाली नीतियां वहां की जनता अब और नहीं सहेगी।उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार चाहिए, न कि विरोध की राजनीति। उद्योग लगाने पर रोक, निवेशकों को डराने वाली राजनीति और विकास को अवरुद्ध करने वाली सोच अब बंगाल की जनता बर्दाश्त करने वाली नहीं है।जिस तरह बिहार में जनता ने नकारात्मक राजनीति को सबक सिखाया, उसी तरह बंगाल में भी इसका भारी जनविरोध सामने आ रहा है।यह बिल्कुल स्पष्ट है कि जो सरकार विकास का विरोध करेगी, उसका जनता समर्थन नही करेगी।

श्री पटेल ने कहा कि ममता सरकार ने भी बिहार महागठबंधन की राह पकड़ ली है। उन्होंने कहा कि ममता सरकार विरोध, भ्रम और विकास को रोकने की राजनीति कर रही है। अब समय आ गया है बंगाल की जनता भी स्पष्ट संदेश दे कि उसे एसआईआर का विरोध नहीं रोजगार और विकास चाहिये।

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