कोलकाता , अक्टूबर 29 -- पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के पानीहाटी में 52 वर्षीय प्रदीप कर द्वारा आत्महत्या करने के एक दिन बाद, कूचबिहार में एक और व्यक्ति ने जान देने की कोशिश की है। इसे देखते हुए राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि ये घटनाएं मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर घबराहट के कारण हुईं हैं।
पहली घटना उत्तर 24 परगना के पानीहाटी निवासी प्रदीप कर की थी, जिनका शव एसआईआर की घोषणा के एक दिन बाद मंगलवार को उनके कमरे में लटका हुआ मिला।
पुलिस ने दावा किया कि लगभग डेढ़ पन्नों के बरामद सुसाइड नोट में कहा गया है कि मृतक ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और एसआईआर प्रक्रिया को लेकर चिंता के कारण यह कदम उठाया।
कूचबिहार में आत्महत्या के प्रयास से राजनीतिक पारा और चढ़ गया। पीड़ित की पहचान दिनहाटा के जीतपुर इलाके के निवासी खैरुल शेख के रूप में हुई है। स्थानीय सूत्रों और पुलिस के अनुसार, लगभग 60 वर्षीय शेख ने बुधवार सुबह ज़हर खा लिया और उन्हें कूचबिहार जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
एक वरिष्ठ जिला पुलिस अधिकारी ने इस प्रयास की पुष्टि करते हुए कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि खैरुल 2002 की मतदाता सूची में अपने नाम की वर्तनी की गलती से परेशान थे।
उन्होंने कहा, "उनका नाम खैरुल शेख है, लेकिन मतदाता सूची में यह खोयरू शेख के रूप में दर्ज है। हमें पता चला है कि वह कुछ समय से इस बात को लेकर परेशान थे।"अस्पताल से बात करते हुए खैरुल ने खुद पुष्टि की, "मेरे नाम में वर्तनी की गलती थी। मुझे डर था कि मेरा नाम हटा दिया जाएगा, इसलिए मैंने ज़हर खा लिया।"टीएमसी के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने इस घटना के बाद राजनीतिक हमला तेज कर दिया।
पानीहाटी में श्री प्रदीप कर के परिवार से मिलकर संवेदना और आश्वासन देते हुए, टीएमसी महासचिव ने कहा, "सिर्फ़ प्रदीप ही नहीं एसआईआर ने कई जगहों पर डर का ऐसा माहौल बना दिया है कि लोग बेहद गंभीर क़दम उठा रहे हैं।"उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने दिनहाटा की घटना के बारे में सुना है, जहाँ आत्महत्या का प्रयास करने वाला व्यक्ति अभी अस्पताल में भर्ती है।
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