तिरुवनंतपुरम , दिसंबर 09 -- केरल में सत्तारुढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने मतदाताओं से स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी उम्मीदवारों को एकजुट होकर समर्थन देने की अपील की है।

मोर्चे ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह जनादेश राज्य के विकास कार्यक्रमों को जारी रखने और इसकी धर्मनिरपेक्षता को सुरक्षित रखने के लिए बहुत ज़रूरी है।

मोर्चो के संयोजक टी.पी. रामकृष्णन ने कहा कि मौजूदा सरकार के तहत केरल ने अभूतपूर्व विकास देखा है। कल्याण पेंशन और विभिन्न सामाजिक लाभ बढ़ाए गए हैं और आने वाले सालों में और सुधारों की योजनाएँ बनाई गई हैं।

उन्होंने कहा कि ये चुनाव न केवल कल्याण और विकास को मज़बूत करने का अवसर हैं, बल्कि सांप्रदायिक ताकतों को जड़ जमाने से रोकने का भी मौका है। उन्होंने कहा कि एलडीएफ सरकारों ने लगातार स्थानीय स्व-सरकारी संस्थानों को मज़बूत किया है।

श्री रामकृष्णन ने पिछली यूडीएफ सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने चुनी हुई ज़िला परिषदों को भंग कर दिया और उन्हें नौकरशाही प्रशासन के तहत कर दिया और स्थानीय निकायों को फंड देने में "गंभीर लापरवाही" बरती, जिससे स्थानीय विकास में बाधा आई।

उन्होंने बयान में कहा कि केरल इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड बोर्ड (केआईआईएफबी) के ज़रिए राज्य ने एक लाख करोड़ रुपये की पृष्ठभूमि बुनियादी ढाँचा परियोजनाएँ लागू कीं, जिससे पूरे राज्य में स्कूलों, अस्पतालों, सड़कों और पुलों में सुधार हुआ।

उन्होंने बढ़ते सांप्रदायिक हस्तक्षेपों के खिलाफ भी चेतावनी जारी की। उन्होंने आरोप लगाया कि यूडीएफ का जमात-ए-इस्लामी के साथ संबंध केरल के धर्मनिरपेक्ष चरित्र के लिए खतरा है, जबकि आएसएस और भाजपा एक आक्रामक हिंदुत्व एजेंडा को आगे बढ़ाते हुए, राज्य के शांतिपूर्ण सामाजिक माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों प्रवृत्तियों को सतर्कता से देखा जाना चाहिए।

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