नयी दिल्ली , नवंबर 22 -- निजी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी एयरटेल ने राजस्थान में उसके नेटवर्क में आ रही समस्या के लिए तेजस नेटवर्क्स लिमिटेड के "घटिया" उपकरणों को दोषी ठहराया है जिसका इस्तेमाल सरकारी कंपनी बीएसएनल के नेटवर्क के लिए किया जा रहा है।
एयरटेल ने इस संबंध में 14 नवंबर को तेजस के कार्यकारी निदेशक और मुख्य परिचालन अधिकारी को एक पत्र लिखा है। पत्र में आरोप लगाया गया है कि बीएसएनएल के 800 मेगाहर्ट्ज बैंड में इस्तेमाल किये गये तेजस द्वारा विनिर्मित घटिया उपकरणों के कारण राजस्थान सर्विस एरिया में एयरटेल के 900 मेगाहर्ट्ज नेटवर्क में इंटरफ्रेंस की समस्या आ रही है।
आरोप है कि बार-बार तकनीकी विवरण साझा करने, आपसी वार्ता, फील्ड में संयुक्त परीक्षण और वायरलेस प्लानिंग एंड को-ऑर्डिनेशन (डब्ल्यूपीसी) तथा दूरसंचार विभाग कई निर्देशों के बावजूद तेजस ने अपने उपकरणों में सुधार के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।
एयरटेल की ओर से लिखे इस पत्र पर कंपनी के मुख्य नियामक अधिकारी राहुत वत्स के हस्ताक्षर हैं। उन्होंने बताया है कि तेजस ने जो बैंड-पास फिल्टर बनाये हैं वे 864-894 मेगाहर्ट्ज की आवृति के दायरे में सिग्नल को फिल्टर करते हैं जो कतिपय अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं। वहीं, भारतीय मानकों के अनुसार, 800 मेगाहर्ट्ज के डाउनलिंक 869-889 मेगाहर्ट्ज के दायरे में काम करते हैं।
एयरटेल की मांग है कि तेजस अपने फिल्टरों को इसी दायरे के लिए नये सिरे से कैलिब्रेट करे।
पत्र में कहा गया है कि सबसे पहले तो तेजस को ऐसे उपकरण बनाने ही नहीं चाहिये थे, और अब कम से कम उसे अपने फिल्टर को दोबारा कैलिब्रेट करने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में इस साल की शुरुआत से ही एयरटेल के नेटवर्क में समस्या आ रही है। इसे लेकर तेजस और एयरटेल के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है।
तेजस टाटा समूह की कंपनी है जो 75 से ज्यादा देशों में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं, यूटिलिटी, रक्षा और सरकारी इकाइयों के लिए वायरलाइन और वायरलेस नेटवर्किंग उत्पाद बनाती है।
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