भुवनेश्वर , अक्टूबर 17 -- ओडिशा में एम्स भुवनेश्वर स्थित वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैबोरेटरी (वीआरडीएल) को वायरल डायग्नोस्टिक्स, अनुसंधान और गुणवत्तापूर्ण सेवाओं में उत्कृष्ट योगदान के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रतिष्ठित रजत पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
यह पुरस्कार स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (डीएचआर) द्वारा नई दिल्ली स्थित मानेकशॉ सेंटर में आयोजित वीआरडीएल कॉन्क्लेव के दौरान प्रदान किया गया, जिसमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली प्रयोगशालाओं को सम्मानित किया गया और राष्ट्रीय वीआरडीएल नेटवर्क की प्रगति की समीक्षा की गई।
माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. बैजयंतीमाला मिश्रा और एसोसिएट डीन रिसर्च एवं बाल रोग विभाग की प्रोफेसर डॉ. भागीरथी द्विवेदी ने एम्स भुवनेश्वर की ओर से यह पुरस्कार ग्रहण किया।
कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ डॉ. आशुतोष बिस्वास ने वीआरडीएल टीम को बधाई देते हुए उनकी उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया और रोगी देखभाल, निदान और अनुसंधान में प्रगति के लिए निरंतर संस्थागत समर्थन का वादा किया।
वीआरडीएल ने अपनी स्थापना के बाद से 50 से अधिक प्रकार के वायरल संक्रमणों को कवर करते हुए 20,000 से अधिक रोगियों को निःशुल्क निदान सेवाएँ प्रदान की हैं।
यह प्रयोगशाला प्रकोपों, महामारियों और महामारी के दौरान समय पर निदान करने में सहायक रही है, और कोविड-19, हाथ-पैर-मुँह रोग, खसरा, हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस, जापानी इंसेफेलाइटिस और अन्य श्वसन वायरस सहित संक्रमणों का प्रबंधन किया है।
एनएबीएल द्वारा मान्यता प्राप्त इस प्रयोगशाला ने अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में कई उच्च-प्रभावी अध्ययन प्रकाशित किए हैं और यह क्षेत्र में वायरल रोग प्रबंधन को मजबूत करते हुए डॉक्टरों, प्रयोगशाला कर्मियों और बायोमेडिकल छात्रों के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र के रूप में भी कार्य करतीहै।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा स्थापित वीआरडीएल नेटवर्क, क्षेत्रीय, राज्य और मेडिकल कॉलेज स्तर पर देश भर की 165 प्रयोगशालाओं तक फैला हुआ है।
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