देहरादून , नवम्बर 21 -- विश्व एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (डब्ल्यूएएडब्ल्यू) सप्ताह के अंतर्गत, उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में शुक्रवार को विभिन्न जन जागरूकता आधारित गतिविधियां हुई। जिनके माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सकों ने आम जनता को संदेश दिया कि एंटीबायोटिक दवाओं का सही व विवेकपूर्ण इस्तेमाल होना चाहिए, अन्यथा जीवन रक्षक दवा जीवन के लिए घातक भी साबित हो सकती है।

एम्स निदेशक प्रोफेसर (डॉ) मीनू सिंह के मार्गदर्शन में एंटीबायोटिक दवाओं के गलत तरीके से उपयोग में लाने पर होने वाले दुष्प्रभावों के प्रति जन मानस में जागरूकता के उददेश्य से आयोजित गतिविधियों के संबंध में आयोजन सचिव डॉ. प्रसन के. पांडा ने कहा कि पूरे सप्ताह की गतिविधियों में विभिन्न श्रेणियों के स्वास्थ्य कर्मी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।

उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि सभी स्टाफ एंटीबायोटिक्स के विवेकपूर्ण उपयोग को समझ रहे हैं। इतना ही नहीं, एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (एएमआर) के खिलाफ लड़ाई में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष की वैश्विक थीम अभी कदम बढ़ाएं वर्तमान बचाएं व भविष्य सुरक्षित करें, को ध्यान में रखते हुए विभिन्न क्षेत्रों में कई तरह की नवोन्मेषी और सहभागितापूर्ण गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। ताकि एएमआर के बढ़ते खतरे के प्रति समाज, छात्रों और स्वास्थ्यकर्मियों को जागरूक किया जा सके।

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