ऋषिकेश , दिसंबर 04 -- उत्तराखंड के रिषीकेश एम्स में अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर भौतिक चिकित्सा एवं पुनर्वास विभाग (पीएमआर) में सामाजिक प्रगति के लिए दिव्यांगता समावेशी समाज का संवर्धन थीम पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने और उनके प्रति सकारात्मक सोच विकसित करने पर जोर दिया।
कार्यक्रम में संस्थान की कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ प्रो. (डॉ.) मीनू सिंह, संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रो. डॉ. जया चतुर्वेदी और चिकित्सा अधीक्षक प्रो. डॉ. बी. सत्यश्री विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहीं।
प्रो. मीनू सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि दिव्यांगजन जीवन के प्रति कभी निराश न हों और न ही किसी भी प्रकार की दिव्यांगता को अपनी प्रगति में बाधा बनने दें। उन्होंने बताया कि एम्स में रोबोटिक्स रिहैबिलिटेशन और बायोनिक हैंड जैसी उन्नत सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से कई मरीज अपनी पूर्व क्षमता वापस पा रहे हैं।
पीएमआर विभागाध्यक्ष डॉ. राजकुमार यादव ने कहा कि विभाग में दिव्यांगजनों की सहायता के लिए सभी आवश्यक संसाधन मौजूद हैं। दुर्घटना या बीमारी से प्रभावित अंगों की क्षमता बहाल करने पर विशेष काम किया जा रहा है। जहां क्षमता वापस नहीं लाई जा सकती, वहां आधुनिक सहायक उपकरणों की मदद से मरीजों को सामान्य जीवन जीने में सहयोग दिया जाता है।
कार्यक्रम का उद्देश्य दिव्यांगता के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाना और समावेशी सोच को प्रोत्साहित करना था। इसी क्रम में एएलआईएमसीओ के माध्यम से लगभग 20 दिव्यांग व्यक्तियों को वॉकर, ट्राइसाइकिल, कमोड चेयर और केन समेत विभिन्न सहायक उपकरण वितरित किए गए।
दिव्यांगजनो के लिए चित्रकला प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें प्रतिभागियों ने उत्साह के साथ भाग लिया। प्रतियोगिता का मूल्यांकन प्रो. डॉ. बिनय कुमार बस्तिया, प्रो. डॉ. प्रशांत पाटिल और प्रो. डॉ. रश्मि मल्होत्रा ने किया। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।
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