देहरादून/रुड़की , दिसम्बर 24 -- उत्तराखंड के रुड़की स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के डिज़ाइन नवाचार केंद्र द्वारा 'एमएसएमई नवोन्मेषी (डिज़ाइन) योजना' : उद्योग-अकादमिक अंतरफलक विषय पर बुधवार को एक जागरूकता सत्र पौड़ी गढ़वाल जनपद के सिडकुल, कोटद्वार में आयोजित किया गया।
यह कार्यक्रम डिज़ाइन विभाग, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की, विकास एवं सुविधा कार्यालय (डीएफओ-एमएसएमई), हल्द्वानी, तथा सिगड्डी ग्रोथ सेंटर, आईआईई सिडकुल, कोटद्वार के सहयोग से हुआ।
योजना का मुख्य उद्देश्य भारतीय विनिर्माण क्षेत्र एवं डिज़ाइन विशेषज्ञता तथा डिज़ाइन समुदाय को एक साझा मंच पर लाना है। इस योजना के अंतर्गत अनुभवी डिज़ाइनरों द्वारा वास्तविक समय की डिज़ाइन समस्याओं के लिए लागत-प्रभावी समाधान, नए उत्पादों का विकास, उनके सतत सुधार तथा मौजूदा/नए उत्पादों में मूल्य संवर्धन हेतु विशेषज्ञ परामर्श प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है।
कार्यक्रम का समन्वय प्रोफेसर इंदरदीप सिंह, अधिष्ठाता (अवसंरचना) एवं समन्वयक, डिज़ाइन नवाचार केंद्र, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की द्वारा किया गया। उन्होंने एमएसएमई इकाइयों एवं अन्य सरकारी संगठनों से आए प्रतिभागियों के साथ एमएसएमई नवोन्मेषी (डिज़ाइन) योजना के विवरण साझा किए।
इस अवसर पर डॉ. एसके नेवार, संयुक्त निदेशक एवं कार्यालय प्रमुख, विकास एवं सुविधा कार्यालय (डीएफओ-एमएसएमई), हल्द्वानी एवं देहरादून, अमित मोहन, सहायक निदेशक, विकास एवं सुविधा कार्यालय (डीएफओ-एमएसएमई), हल्द्वानी, सनी चौहान, क्षेत्रीय प्रबंधक, सिडकुल, कोटद्वार, सोम नाथ गर्ग, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र, पौड़ी; तथा भारतीय खाद्य निगम, क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून; टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड; एवं कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून के अधिकारी उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त, विभिन्न क्षेत्रीय उद्योगों एवं एमएसएमई इकाइयों के प्रतिनिधियों ने भी कार्यक्रम के दौरान हुई चर्चा से लाभ प्राप्त किया।
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