चेन्नई , अक्टूबर 04 -- तीव्र गश्ती जहाज (एफपीवी) की श्रृंखला का दूसरा जहाज अक्षर शनिवार को भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) के कराईकल स्टेशन पर तैनात किया गया।

रक्षा मंत्रालय के रक्षा विभाग की अतिरिक्त सचिव दीप्ति मोहिल चावला ने अतिरिक्त महानिदेशक डॉनी माइकल, पूर्वी तटरक्षक कमांडर और केंद्र व राज्य सरकार के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में इसे शामिल किया। 'अक्षर' का अर्थ है 'अविनाशी', जो सुरक्षित, संरक्षित और स्वच्छ समुद्र सुनिश्चित करने के लिए भारतीय तटरक्षक बल की इच्छाशक्ति और प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

सूत्रों ने बताया कि 51 मीटर लंबे इस एफपीवी को मेसर्स गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित किया गया है और यह आत्मनिर्भर भारत का एक उपयुक्त उदाहरण है, जिसमें 60 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री है, जिससे सरकार की 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत भारत की समुद्री शक्ति को मजबूती मिलेगी। यह जहाज दो 3000 किलोवाट के डीजल इंजन द्वारा संचालित है जो अधिकतम 27 समुद्री मील की गति प्राप्त करता है। किफायती गति पर इसकी क्षमता 1,500 समुद्री मील है। आईसीजीएस अक्षर में स्वदेशी रूप से विकसित दो नियंत्रणीय पिच प्रोपेलर (सीपीपी) और गियरबॉक्स लगे हैं जो समुद्र में बेहतर गतिशीलता, परिचालन लचीलापन और बेहतर प्रदर्शन प्रदान करते हैं।

यह जहाज तटरक्षक क्षेत्र (पूर्व) के कमांडर, तटरक्षक जिला मुख्यालय संख्या 13 और तटरक्षक स्टेशन कराईकल के माध्यम से कमांडर के प्रशासनिक और परिचालन नियंत्रण में कराईकल, पुडुचेरी में स्थित होगा। इस पोत को भारत के समुद्री हितों की रक्षा के लिए तटरक्षक चार्टर में निहित निगरानी और अन्य कर्तव्यों के निर्वहन हेतु तैनात किया जाएगा। इस पोत की कमान कमांडेंट (संयुक्त कमांडेंट) शुभेंदु चक्रवर्ती के हाथों में है और इसमें पांच अधिकारी और 33 कर्मी हैं।

आईसीजीएस अक्षर के जलावतरण से भारतीय तटरक्षक बल की विविध समुद्री कार्यों को पूरा करने की परिचालन क्षमता में और वृद्धि होगी।

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