नयी दिल्ली , नवंबर 21 -- राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (एनबीए) ने बहुमूल्य लाल चंदन की लकड़ी की सुरक्षा और संरक्षण के लिए आंध्र प्रदेश वन विभाग को 38.36 करोड़ रुपये और राज्य जैव विविधता बोर्ड को 1.48 करोड़ रुपये जारी किए हैं।

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि एनबीए ने देश के जैव विविधता संरक्षण प्रयासों को सुदृढ़ करने के लिए बहुमूल्य लाल चंदन की लकड़ी की सुरक्षा और संरक्षण के लिए आंध्र प्रदेश वन विभाग को 38.36 करोड़ रुपये और राज्य जैव विविधता बोर्ड को 1.48 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसके साथ, देश की एक्सेस एंड बेनिफिट शेयरिंग(एबीएस) डिस्बर्समेंट ने 110 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है, जो जैव विविधता से जुड़ी देश की सबसे बड़ी एबीएस रिलीज़ में से एक है।

मंत्रालय ने कहा कि लाल चंदन अपनी गहरी लाल लकड़ी के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यह प्राकृतिक रूप से, देश के केवल पूर्वी घाट के खास क्षेत्रो में, विशेषकर आंध्र प्रदेश के अनंतपुर, चित्तूर, कडप्पा, प्रकाशम और कुरनूल जिलों में उगता है। आंध्र प्रदेश वन विभाग ने नीलाम या जब्त की गई लाल चंदन की लकड़ी से लाभ-साझाकरण राशि के रूप में 87.68 करोड़ रुपये अर्जित किए।

अब तक, एनबीए ने लाल चंदन की लकड़ी के संरक्षण, सुरक्षा और अनुसंधान के लिए आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा के वन विभागों और आंध्र प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड को 49 करोड़ रुपये से अधिक जारी किए हैं।

मंत्रालय ने कहा कि आंध्र प्रदेश वन विभाग को अभी जारी 38.36 करोड़ की राशि से अग्रिम पंक्ति के वन कर्मचारियों को और सशक्त बनाया जाएगा, सुरक्षा उपाय बढ़ाए जाएंगे, लाल चंदन वनों के वैज्ञानिक प्रबंधन को प्रोत्साहित किया जाएगा। जैव विविधता प्रबंधन समितियों के माध्यम से आजीविका के अवसर उत्पन्न किए जाएंगे।

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