मुंबई , नवंबर 24 -- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के प्रबंधन में मौजूद परिसंपत्ति (एयूएम) के मौजूदा और अगले वित्त वर्ष में 18-19 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है और मार्च 2027 तक यह 50 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर सकता है।
बाजार अध्ययन एवं साख निर्धारक एजेंसी क्रिसिल की सोमवार को जारी रिपोर्ट में यह बात कही गयी है। रिपोर्ट के अनुसार, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में हाल में हुए सुधारों और लंबे समय से मुद्रास्फीति में नरमी की वजह से लोगों की व्यय योग्य आय बढ़ेगी जिससे वे ज्यादा निवेश करेंगे। क्रिसिल के मुख्य साख अधिकारी कृष्णन सीतारमण ने कहा कि बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच वाहन और आवास ऋण में निरंतर वृद्धि होगी। एनबीएफसी जोखिम का आंकलन करते हुए ऋण देने में पूरी सतर्कता बरतेंगे, विशेषकर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों और असुरक्षित ऋण के मामलों में।
क्रिसिल के अनुसार, एनबीएफसी द्वारा दिये गये कुल ऋण में वाहन ऋण और आवास ऋण की हिस्सेदारी 22-22 प्रतिशत है। वाहन ऋण में मौजूदा और अगले वित्त वर्ष में 16-17 प्रतिशत की दर से वृद्धि की उम्मीद है। जीएसटी की दरों में कमी करने के बाद सभी श्रेणियों में वाहनों की बिक्री बढ़ी है, विशेषकर कारों की, और यह क्रम जारी रहने की संभावना है।
आवास ऋण में चालू और अगले वित्त वर्ष में 12-13 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान है, जो पिछले वित्त वर्ष के 14 प्रतिशत की तुलना में कम होगा।
एनबीएफसी द्वारा दिये गये पर्सनल लोन में 22-25 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना जतायी गयी है। पिछले वित्त वर्ष में इस सिग्मेंट में 18 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की गयी थी। एनबीएफसी के एयूएम में पर्सनल लोग की हिस्सेदारी लगभग 11 प्रतिशत है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सोने की बढ़ी कीमतों और गोल्ड लोन देने में एनबीएफसी की रुचि के कारण गोल्ड लोन में तेज वृद्धि की उम्मीद है। फिलहाल एनबीएफसी के एयूएम में इसकी भागीदारी महज छह प्रतिशत है।
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