नयी दिल्ली , दिसंबर 01 -- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के खुर्जा शहर में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को मिली जान से मारने की धमकियों पर पुलिस की निष्क्रियता का आरोप लगाने वाली एक मीडिया रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया है।
एनएचआरसी ने सोमवार को बताया कि प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में पुलिसकर्मियों ने नाबालिग पीड़िता को तब भी रोकने की कोशिश की जब वह मेरठ मंडल के पुलिस उपमहानिरीक्षक से मिलकर अपनी आपबीती बताने की कोशिश कर रही थी। अंततः पुलिस ने पीड़िता की बात सुनी और मामले की जाँच के आदेश दिए तथा लापरवाही के लिए खुर्जा थाने के एसएचओ को पुलिस लाइन में अटैच कर दिया।
आयोग ने पाया है कि यदि समाचार रिपोर्ट की सामग्री सत्य है, तो यह पीड़ित लड़की के मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मामला है। आयोग ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
उल्लेखनीय है कि पंद्रह नवंबर को प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट के अनुसार , जून 2025 में छह अपराधियों ने दो दिनों तक लड़की का यौन शोषण किया। इस मामले में 10 जून 2025 को खुर्जा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। चार आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया, लेकिन दो अन्य अपराधी भागने में सफल रहे। इसके बाद, लड़की को जान से मारने की धमकियाँ भी मिलीं, जिसके लिए पुलिस ने कई शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की।
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