हरिद्धार , दिसंबर 17 -- उत्तराखंड के जनपद हरिद्धार में मानव तस्करी रोधी इकाई (एएचटीयू) ने बुधवार देर रातएक आठ वर्षीय नाबालिग बालक को लाचारी में भिक्षुक बनने से बचा लिया।
एएचटीयू टीम ने गंगा घाट क्षेत्र में चलाए जा रहे विशेष सत्यापन एवं गुमशुदा तलाश अभियान के दौरान यह सराहनीय कार्रवाई की।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद हरिद्वार के दिशा-निर्देशन में एएचटीयू टीम ने अभियान के दौरान सुभाष घाट के पास कड़ाके की ठंड में ठिठुरते और भूख से व्याकुल इस नाबालिग को बचाया। पूछताछ में बालक ने अपना नाम गणेश पुत्र स्व. सुमित कुमार, निवासी पहाड़गंज, दिल्ली बताया। बालक ने बताया कि करीब 10 दिन पूर्व उसका सौतेला पिता संतोष उसे घुमाने के बहाने हरिद्धार लाया था और मोती बाजार के पास खरीदारी का बहाना बनाकर उसे वहीं छोड़कर चला गया, जो फिर कभी वापस नहीं आया।
मासूम बालक ने लंबे समय तक उसी स्थान पर अपने सौतेले पिता का इंतजार किया, लेकिन भूख, ठंड और बेबसी के कारण उसे भिक्षुकों के साथ बैठकर उनके सहारे मिलने वाले भोजन और कंबलों पर निर्भर होना पड़ा।
एएचटीयू टीम ने तत्परता दिखाते हुए बालक को तत्काल सुरक्षित रेस्क्यू किया और उसका चिकित्सीय परीक्षण कराया। बालक को संरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से उसे बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) हरिद्वार के समक्ष पेश किया गया। आवश्यक विधिक कार्रवाई के उपरांत बालक को खुला आश्रय गृह, कनखल में सुरक्षित संरक्षण प्रदान किया गया है।
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