ऋषिकेश , नवम्बर 06 -- उत्तराखंड में ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन में 10 दिवसीय निशुल्क मोतियाबिंद चिकित्सा शिविर के पांचवें दिन कई लोगों के मोतियाबिंद के ऑपरेशन किये गये। शिविर में अब तक 100 से अधिक मोतियाबिंद ऑपरेशन सफलतापूर्वक किए जा चुके हैं तथा 1000 से अधिक मरीजों का पंजीकरण हुआ है। आगामी दिनों में यह संख्या और अधिक बढ़ने की पूरी संभावना है।

परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर परमार्थ निकेतन द्वारा समाज के गरीब, असहाय एवं जरूरतमंद लोगों के नेत्र स्वास्थ्य को सशक्त बनाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। कई ऐसे मरीज जो आर्थिक तंगी, संसाधनों की कमी या जानकारी के अभाव के कारण उपचार से वंचित रह जाते थे, उन्हें यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

स्वामी सरस्वती ने कहा कि इस शिविर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें भारत, आस्ट्रेलिया, अमेरिका, इंग्लैंड, नेपाल सहित विभिन्न देशों के प्रख्यात नेत्र विशेषज्ञ शामिल होकर अपनी सेवाएं राष्ट्रसेवा और मानवता को समर्पित कर रहे हैं। वे अत्याधुनिक तकनीक और अनुभव के साथ रोगियों को नई दृष्टि प्रदान करने में लगे हुए हैं। इन सभी डॉक्टरों ने कहा कि परमार्थ निकेतन में यह सेवा-यज्ञ मानव समाज के स्वास्थ्य में वास्तविक योगदान करने का अवसर है, और वह भी पूर्णतः निःशुल्क। उन्होंने कहा कि यहाँ आने वाले प्रत्येक रोगी की आँखों में दृष्टि ही नहीं, बल्कि जीवन में नई उम्मीद और खुशियों का उजाला लौटता है।

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष ने कहा कि आयोजित शिविर में न केवल मोतियाबिंद ऑपरेशन किए जा रहे हैं, बल्कि प्रारम्भिक जाँच, दवाएँ, परामर्श तथा ऑपरेशन के बाद की आवश्यक देखभाल भी पूर्ण रूप से निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। आधुनिक उपकरण, उच्च स्तरीय सर्जिकल सुविधाएं और सभी चिकित्सा प्रक्रियाएँ अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सुनिश्चित की गई हैं।

नेत्र-चिकित्सा विशेषज्ञों और स्वयंसेवकों की समर्पित टीम के साथ यह सुनिश्चित कर रहा है कि किसी भी व्यक्ति को लंबा इंतजार न करना पड़े और हर रोगी को सम्मान, संवेदना और स्नेह के साथ उपचार मिले।

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