देहरादून , अक्टूबर 27 -- केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के दिशा निर्देश पर सोमवार को उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की निदेशक से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने एक स्वर में संकल्प लिया कि "न रिश्वत लूंगा/लूंगी, न ही रिश्वत दूंगा/दूंगी।"सतर्कता जागरूकता सप्ताह के प्रथम दिवस एम्स के लगभग सभी विभागों में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से ईमानदारी की प्रतिज्ञा ली गई, जिसमें संस्थान के चिकित्सकों, फैकल्टी सदस्यों, आला अधिकारियों एवं कार्मिकों ने बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग किया। सभी ने समवेत स्वर में भ्रष्टाचार जैसी कुरीति से मन बचन और कर्म से लड़ने की दृढ़ प्रतिज्ञा ली। इस अवसर पर कहा गया कि किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को निर्मूल करने की नैतिक संकल्प शपथ से ही हमारे देश की आर्थिक, राजनीतिक तथा सामाजिक प्रगति संभव है।
आगामी दो नवंबर तक चलने वाले सप्ताह के पहले दिन मिनी ऑडिटोरियम में आयोजित सार्वजनिक समारोह में संस्थान के चिकित्सकों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से ईमानदारी की प्रतिज्ञा ली।
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