लखनऊ , नवम्बर 30 -- उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने अहर्ता तिथि एक जनवरी 2026 के आधार पर प्रदेश में चल रहे विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआईआर) की तिथियों में संशोधन करते हुए अवधि एक सप्ताह बढ़ा दी है। नई तिथियों के अनुसार अब 11 दिसम्बर 2025 तक घर-घर गणना और मतदाताओं का सत्यापन कार्य किया जाएगा। इसी अवधि तक मतदेय स्थलों का संभाजन (रैशनलाइजेशन) भी पूरा किया जाएगा।
श्री रिणवा ने बताया कि 12 से 15 दिसम्बर तक कंट्रोल टेबल अपडेट, 16 को मतदाता सूची का प्रकाशन होगा। ड्राफ्ट प्रकाशन के बाद 16 दिसम्बर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक दावे और आपत्तियां प्राप्त की जाएंगी। इसके बाद 16 दिसम्बर से 7 फरवरी 2026 तक ईआरओ द्वारा नोटिस चरण में गणना प्रपत्रों पर निर्णय, दावों एवं आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि 10 फरवरी 2026 को आयोग से अंतिम प्रकाशन की अनुमति प्राप्त की जाएगी, जबकि प्रदेश में निर्वाचक नामावलियों का अंतिम प्रकाशन 14 फरवरी 2026 को किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश में 10.75 करोड़ यानी 70 प्रतिशत गणना प्रपत्रों का डिजिटाइजेशन सम्पन्न हो चुका है। प्रदेश के 9177 मतदेय स्थलों पर बीएलओ गणना प्रपत्रों के डिजिटाइजेशन का कार्य पूर्ण कर चुके हैं।
उन्होने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित किया कि समयावधि बढ़ने के बाद बीएलओ पर किसी भी प्रकार का अनावश्यक दबाव न डाला जाए। उन्होंने कहा कि जिन बीएलओ को किसी कारणवश कार्य में कठिनाई हो रही है, उन्हें आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जाए ताकि प्रक्रिया सुचारु रूप से पूर्ण हो सके।
श्री रिणवा ने बताया कि मसौदा मतदाता सूची जारी करने से पूर्व प्रत्येक पोलिंग बूथ पर बीएलओ और राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) की बैठक आयोजित की जाएगी। इन बैठकों में बीएलओ ऐसे मतदाताओं की सूची उपलब्ध कराएंगे जिनके नाम ड्राफ्ट सूची में किसी कारणवश सम्मिलित नहीं हो पाए हैं, ताकि समय रहते उनके दावे दर्ज कराए जा सकें।
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